31 सितंबर। किसानों ने अब फिर एकजुट होना शुरू कर दिया है, और जल्द ही एमएसपी में गारंटी कानून और किसानों पर हुए फर्जी केसों की वापसी को लेकर आंदोलन छेड़ा जा सकता है। इस आंदोलन की रूपरेखा संयुक्त किसान मोर्चा की 4 सितम्बर को होनेवाली बैठक में तय की जा सकती है। संयुक्त किसान मोर्चा इस बार के आंदोलन में युवा किसान नेताओं को आगे करना चाहता है ताकि आंदोलन जोशीला रहे।
बिजनेस बाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेता युद्धवीर सिंह का कहना है कि किसान आंदोलन खत्म नहीं हुआ था बल्कि मोदी सरकार के आश्वासनों के बाद स्थगित हुआ था। लेकिन सरकार के आश्वासन अब तक कोरे आश्वासन ही साबित हुए हैं। इसलिए फिर आंदोलन करना किसानों की मजबूरी है। किसान नेता ने कहा, कि सरकार द्वारा एमएसपी को लेकर बनाई गयी कमेटी के चेयरमैन और सदस्य सभी किसान विरोधी हैं, इसलिए इनसे कुछ उम्मीद रखना बेकार है। उन्होंने कहा कि 4 सितम्बर को होनेवाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आंदोलन को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
किसान नेताओं के बीच फूट की बातों को लेकर युद्धवीर सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में मतभेद हो सकता है, विवाद भी हो सकता है, लेकिन उसे फूट कहना गलत होगा। उन्होंने कहा कि एक बार एमएसपी पर आंदोलन शुरू होने दीजिए, सभी आपको एक ही प्लेटफॉर्म पर नजर आएंगे। लखीमपुर कांड से कुख्यात हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के विवादित बयान पर युद्धवीर सिंह ने कहा, कि बेटे के जेल जाने और खुद के जेल जाने के खौफ से वह अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। भले वह देश के गृह राज्यमंत्री हों लेकिन वह खुद को हमेशा बदमाश और गुंडा समझते हैं और उसपर गर्व भी करते हैं।