21 सितंबर। असम के लिडो में एक अवैध ‘रैट होल’ खदान से कोयले के खनन में जहरीली गैस के संपर्क में आने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। तिनसुकिया के पुलिस अधीक्षक देबोजीत देउरी ने संवाददाताओं से कहा, कि यह घटना रविवार रात उस समय हुई जब खनिक असम-अरुणाचल सीमा के पास तिनसुकिया जिले में एक सुदूर पहाड़ी पर अवैध रूप से चलाई जा रही ‘रैट होल’ खदान में कोयला निकालने के लिए घुसे थे। उन्होंने बताया, कि पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक पाँच लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा, “हमने पाँचों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे शवों को दफनाने और घटना को दबाने की कोशिश कर रहे थे। हम ऐसी अवैध कोयला खनन गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।”
उन्होंने बताया कि 30 साल से कम उम्र के सभी मृत खनिकों की पहचान कर ली गई है। वे बोंगईगांव और गोलपारा जिले के रहने वाले हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मारे गए खनिकों की पहचान- साहिदुल इस्लाम, हुसैन अली (दोनों बोंगाईगांव जिले के) और हसमत अली (गोआलपाड़ा जिले) के रूप में हुई है।
मीडिया के हवाले से मिली सूचना के अनुसार, अवैध रैट होल खदान को डेविड नागा नाम का एक व्यक्ति अपने गुर्गे की मदद से चला रहा था। जोयनाल अली नाम के व्यक्ति ने तीन खनिकों को कई अन्य लोगों के साथ कोयला खदान में काम करने के लिए लाया गया था। उल्लेखनीय है, कि ‘रैट होल’ खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन यह अभी भी क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित की जा रही है। रैट होल खदान चूहों के बिल जैसी होती है, जिसमें तीन से चार फुट ऊंची संकरी सुरंगें खोदी जाती हैं, जिसके भीतर मजदूर जाते हैं और कोयला निकालकर लाते हैं। तिनसुकिया जिले के मार्गेरिटा और लिडो क्षेत्र में अवैध रैट-होल खदानें बढ़ रही हैं। कोयला तस्कर बेहद संगठित तरीके से सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से रैट–होल खदान का संचालन कर रहे हैं। पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों में रैट–होल खदानें संचालित की जा रही हैं।