फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए स्वाभिमानी किसान संगठन का आंदोलन

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22 सितंबर। महाराष्ट्र के धामणगांव विधानसभा की तीनों तहसील के गाँवों में लगातार जारी बारिश की वजह से खेतों में पानी भर गया है। फसलों का 70 से 80 प्रतिशत तक फसलों का नुकसान हुआ है। इस विषय की प्राथमिक रिपोर्ट जिला अधिकारी को दी गई है। सरकारी घोषणा भी की गई, कि 3 हेक्टेयर तक किसानों को प्रति हेक्टेयर 13600 रुपये दिए जाएंगे, लेकिन आज तक किसी भी तरह की कोई मदद किसानों के बैंक खातों में जमा नहीं हुई है। आज भी सरकार किसानों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

किसानों का कृषि ऋण प्राकृतिक आपदा तथा फसल न होने की वजह से समय पर चुकाना नहीं हो पाता। ऐसे में उन्हें गृह कर्ज, पढ़ाई के लिए कर्ज, वाहन कर्ज नहीं मिलता, किसान परिवार की हालत खराब हो जाती है। आर्थिक संकट में घिर कर किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाता है।

सरकार किसानों को दशहरे के पहले मदद की रकम किसानों के खातों में जमा कराए ऐसा निवेदन चांदूर रेलवे उपविभागीय अधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजा गया और कल चांदूर रेलवे उपविभागीय कार्यालय के सामने एक दिवसीय आक्रोश सम्मेलन करके सरकार से स्वाभिमानी किसान संघटना के विधानसभा अध्यक्ष एड. चेतन परडके के नेतृत्व में कार्यकर्ता राहुल गावंडे, कपिल पडघान, सूरज वानखेडे, महेश कुरसगे, सतीश गांवडे, रोशन नाईक, प्रशांत वायसकर, प्रदीप गायनर, प्रविण इंगळे, अनिल निमकर, अनिल इंगोले, राहुल बनसोड, प्रविन साहरे, अतुल भुजाडने के साथ हजारों किसानों ने फसलों के नुकसान की भरपाई की मांग की।

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