इंदौर में बेरोजगारी के खिलाफ हजारों छात्रों का पैदल मार्च

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26 सितंबर। मध्य प्रदेश के सबसे तेजी से बढ़ते शहर इंदौर में बेरोजगारी के चलते शिक्षित युवाओं का ऐसा जन आंदोलन जारी है, जो अब अन्ना आंदोलन की याद दिलाता नजर आ रहा है। कभी सुंदरकांड तो कभी ताली-थाली बजाकर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को जगाने का प्रयास कर रहे छात्र जेल भी जाने को तैयार हैं। एकजुट होकर बेरोजगार युवाओं ने मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

‘नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन’ पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में सरकारी भर्तियों पर लगी रोक को लेकर अनूठा सत्याग्रह कर रहा है। सत्याग्रह की राह पर चलकर मोर्चा खोलने वाले बेरोजगार युवाओं से मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा 2018 में शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था। जिसके बाद 2019 में परीक्षा का आयोजन कर 2020 में रिजल्ट घोषित किए गए थे। जिसमें चयनित होने के बाद भी आज सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई।

एबीपी न्यूज के मुताबिक छात्रों की बढ़ती भीड़ को देखकर पुलिस और प्रशासन के भी हाथ पैर फूल गए थे, क्योंकि किसी को उम्मीद नहीं थी, कि इतनी बड़ी संख्या में छात्र बड़ा कदम उठाएंगे। हालांकि जिलाधिकारी इंदौर के नहीं आने पर जेल भरो आंदोलन की चेतावनी देनेवाले युवाओं को अपर कलेक्टर ने जानकारी दी, कि जिलाधिकारी मनीष सिंह इंदौर में नही हैं। यदि वो इंदौर में होते तो उनसे मिलने जरूर आते। वहीं उन्होंने कहा, कि छात्रों की माँग को सरकार तक पहुँचाया जाएगा। जिलाधिकारी मनीष सिंह मंगलवार को जैसे ही इंदौर आएंगे तुरंत वे युवाओं से मुलाकात करेंगे।

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