26 सितंबर। भारत जोड़ो यात्रा बीसवें दिन एफएमपी जंक्शन, शोरानूर, पलक्कड़ से सुबह 7 बजे शुरू हुई। इस दिन केरल विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने यात्रियों से मुलाकात की और बिजली के निजीकरण और बढ़ी हुई लागत सहित अन्य मुद्दों को उठाया। नागरिक समाज की ओर से योगेंद्र यादव और दीपक लांबा ने बताया कि कैसे मोदी सरकार ने किसान आंदोलन के साथ वादाखिलाफी की, कि विद्युत संशोधन विधेयक बिना परामर्श के पेश नहीं किया जाएगा।
प्रसिद्ध लेखक और फिल्म समीक्षक आई. षणमुघदास भी आज भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े। उन्होंने केरल और दक्षिण भारत के संदर्भ में नागरिक समाज और जन आंदोलनों की भूमिका और उनके मार्गदर्शक सिद्धांतों पर चर्चा की। केरल के लोगों को संबोधित करते हुए, योगेंद्र यादव ने आज “सनातन धर्म क्या है” और “भारतीय राजनीतिक चेतना के मूल्य क्या हैं” पर चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि मैत्री, करुणा, और शील वह तीन मूल्य हैं जो लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की भारतीय अवधारणा को परिभाषित करतेे हैं। इस तरह, भारत जोड़ो यात्रा उस स्वदेशी विचार को सन्निहित करता है जो भारत के समावेशी विचार को विकसित कर सकता है।
यात्रा कोप्पम, पलक्कड़ में शाम 7 बजे विश्राम के लिए ठहर गई।