28 सितंबर। उत्तर प्रदेश में दलित छात्रों पर हो रहे अत्याचार थमने का नाम ही नहीं ले रहे। उत्तर प्रदेश में औरैया जिले के अछल्दा थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक स्कूल में कथित तौर पर एक शिक्षक की पिटाई से एक दलित छात्र की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने शव को रख कर जोरदार हंगामा किया। इस दौरान कई जगह आगजनी और पत्थरबाजी भी की गई। जिसमें डीएम औरैया की सरकारी कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। इसके अलावा पुलिस की कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुँचा। आलम यह रहा कि पुलिसवालों ने भागकर अपनी जान बचाई।
इस मामले को लेकर मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अलग-अलग ट्वीट में गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्र की मौत के तुरंत बाद इंटर कॉलेज तत्काल बंद कर दिया गया। इस बीच ‘भीम आर्मी’ के सदस्यों ने गाँव में पहुँचकर हंगामा के शुरू कर दिया। इसके बाद भीड़ बढ़ने लगी। पुलिस के मुताबिक आक्रोशित भीड़ ने गाँव पहुँची एंबुलेंस में रखे शव को जबरन निकाल कर कॉलेज के बाहर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि बवाल बढ़ने के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुँचे, लेकिन परिजन अपनी माँगें पूरी होने तक शव को वहाँ से नहीं हटाने पर अड़े रहे।
‘पंजाब केसरी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव ने पीड़ित के माता-पिता से मिलकर बात की और यथासंभव माँग पूरी करने का भरोसा दिया। पुलिस महानिरीक्षक प्रशांत कुमार ने भी मौके पर पहुँचकर हालात का जायजा लिया। पुलिस अधीक्षक चारु निगम ने बताया, कि मामला दर्ज कर आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी के लिए कई टीम का गठन किया गया है। बिधूना के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) महेंद्र प्रताप सिंह ने बातचीत में मंगलवार को कहा, कि परिजन बच्चे के दाह संस्कार के लिए तैयार हो गये हैं और शव को अंत्येष्टि के लिए ले जा रहे हैं।