30 सितंबर। लहसुन बेचने के लिए मारे मारे फिर रहे किसानों के साथ ठगी करने में सरकारी संस्थान भी पीछे नहीं हैं। इंदौर के धरमपुरी स्थित हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के बीज अनुसंधान संस्थान राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास संस्थान जोकि भारत सरकार की एक एजेंसी है, ने भी महंगे भाव में किसानोंं को लहसुन बीज दिया और अब उसे खरीदनेेेे से इनकार कर रही है जबकि बीज बेचते वक्त संस्थान के अधिकारियोंं ने विश्वास दिलाया था कि आप की उपज को उचित मूल्य पर खरीदा जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने बताया कि इंदौर संभाग के सैकड़ों किसानों ने हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के इस अनुसंधान संस्थान से उन्नत बीज 10000 से ₹12000 प्रति क्विंटल पर खरीदा और बोआई की, जब फसल पक गई तो उन्होंने डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बार-बार आग्रह किया कि वे उनकी फसल को खरीदें लेकिन अधिकारियों ने अपने वादे को तोड़ते हुए फसल खरीदने से इनकार कर दिया, इससे ठगाए किसान अब भटकने को मजबूर हैं।
इंदौर, देवास, उज्जैन के कई किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा से संपर्क किया और उनके साथ हुई घटना की जानकारी दी। किसानोंं ने संयुक्त किसान मोर्चा को संस्थान से खरीदे गए लहसुन बीच की पावती बिल आदि भी दिए। इस पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बबलू जाधव, रामस्वरूप मंत्री और अन्य ने संस्थान में जाकर जानकारी निकाली तो उनका कहना था कि लहसुन बीज हमने बेचा जरूर है लेकिन अलग-अलग योजनाओं में बीज बेचा जाता है और जिस योजना में किसानों ने लहसुन बीज खरीदा है उसमें हमने कोई वापसी खरीदी की गारंटी नहीं दी। इस तरह संस्थान के अधिकारियों ने भी किसानों के साथ व्यापारिक रुख अख्तियार करते हुए उनका लहसुन खरीदने से इनकार कर दिया।