4 नवम्बर। ग्रामीण इलाकों में रोजगार घटने की वजह से अक्तूबर में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.77 फीसदी पहुँच गई। इसके अलावा, श्रम भागीदारी दर (एलपीआर) में मामूली गिरावट से भी बेरोजगारी दर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। सितंबर में बेरोजगारी दर चार साल के निचले स्तर पर 6.43 फीसदी रही थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर सितंबर के 5.84 फीसदी से बढ़कर अक्तूबर में 8.04 फीसदी पर पहुँच गई। हालांकि, इस दौरान शहरी बेरोजगारी में कमी आई है। अक्तूबर में शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 7.21 फीसदी रही, जो सितंबर में 7.7 फीसदी रही थी। वहीं, एलपीआर भी सितंबर के 39.3 फीसदी से कम होकर 39 फीसदी रह गई। एक साल पहले यह दर 37.3 फीसदी रही थी। सीएमआईई ने कहा कि एलपीआर में लगातार गिरावट गंभीर चिंता का विषय है। इससे पता चलता है कि छोटी संख्या में ही कामकाजी उम्र की आबादी रोजगार के लिए तैयार है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी के आँकड़ों के अनुसार कृषि क्षेत्र में काम करने वालों की संख्या नवंबर, 2021 में 16.4 करोड़ थी। इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आती गई और इस साल सितंबर में यह संख्या घटकर 13.4 करोड़ रह गई। हालांकि सुधार के साथ अक्टूबर में कृषि क्षेत्र में रोजगार की संख्या बढ़कर 13.96 करोड़ पहुँच गई। इसके बावजूद पिछले चार साल में अक्टूबर में कृषि कामगारों की सबसे कम संख्या है। विदित हो कि इस दौरान सेवा क्षेत्र में 79 लाख रोजगार घटे। इसमें ग्रामीण इलाकों की 46 लाख और शहरी क्षेत्र की 33 लाख हिस्सेदारी रही। वहीं औद्योगिक क्षेत्र में कामगारों की संख्या में 53 लाख की कमी आई है। निर्माण उद्योग में 10 लाख की गिरावट रही।
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