लूटने व बर्बाद करने के बाद तेल कंपनियां नाइज़र डेल्टा से भागने की फिराक में

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2 अक्टूबर। “नाइजीरिया के नाइजर डेल्टा में तेल निकालने का काम करनेवाली दो सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय तेल कंपनियां शेल और एक्सॉनमोबिल डेल्टा से जा रही हैं। इनके साथ ही कुछ और कम्पनियां, टोटल, एनी, शेवरॉन और टेक्साको भी जाने की तैयारी कर रहीं हैं।“ (द वैल्यू चैन- 9 अगस्त 2022)

“अंतरराष्ट्रीय तेल कंपनियां नाइजीरिया छोड़ रही हैं और अपने पोर्टफोलियो को स्थानांतरित कर रही हैं”- नाइजीरिया नेशनल पेट्रोलियम कंपनी (एनएनपीसी) लिमिटेड समूह के प्रबंधनिदेशक, मेलेक्यारी ने, अबुजामें 28 फरवरी 2022 के नाइजीरियाई अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा शिखर सम्मेलन (NIES2022) में एक भाषण में यह बात कही।

वहीं पेट्रोलियम संसाधन राज्य मंत्री टिमिप्रे सिल्वा ने कहा- “तेल कंपनियां अस्थिर वातावरण के कारण नाइजीरिया छोड़ रही हैं जो उनके संचालन पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।” सिल्वा ने कहा कि तेल क्षेत्र को प्रभावित करनेवाली असंख्य चुनौतियों के कारण नाइजीरिया की स्थिति खतरनाक हो गई है।

शेल और एक्सॉनमोबि, दोनों कंपनियों ने खरीदार मिलते ही अपनी संपत्ति बेचने और नाइजर डेल्टा छोड़ने के लिए अलग-अलग योजनाओं की घोषणा की है, जहां उन्होंने आधी सदी से अधिक समय से कच्चा तेल और गैस निकाला है। इस क्षेत्र में रहनेवाले लोगों के लिए, यह खबर हैरानी और अनिश्चितता से भरी होने के साथ ही और डर पैदा कर रही है कि डेल्टा में तेल निकालने के विनाशकारी प्रभावों को उन्हें ही भुगतना पड़ा है, और आगे भी पड़ेगा। उनकी खेतीबाड़ी, नदी, झील, जंगल मैदानों में हुई बर्बादी के लिए न्याय की उनकी लड़ाई कभी भी साकार हो भी पाएगी या नहीं।

कुछ हिसाब-किताब

नाइजर डेल्टा क्षेत्र में नाइजीरिया में नौ राज्य शामिल हैं, जो दक्षिण में अटलांटिक महासागर और पूर्व में कैमरून द्वारा सीमाबद्ध हैं। यह 112000  वर्ग किलोमीटर में फैला है, जो नाइजीरिया का लगभग 12 प्रतिशत है। सैकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ बोलनेवाले 40 से अधिक जातीय समूह और राष्ट्रीयताएँ इस क्षेत्र में सैकड़ों सालों से रहती आयी हैं।

1956 से नाइजर डेल्टा से व्यावसायिक मात्रा में कच्चा तेल निकाला जाता है, जो कुछ तेल कुओं से आज 900 से अधिक सक्रिय कुओं तक फैल रहा है। जो प्रतिदिन करीब 2.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करते हैं।

तेल के लिए हजारों अन्य सुविधाओं जैसे स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन के साथ, इसने डेल्टा को एक विशाल तेल और गैस क्षेत्र में बदल दिया है। इस क्षेत्र से उत्पादित तेल और गैस कई दशकों से नाइजीरिया की आय के एक बड़े हिस्से के लिए जिम्मेदार है, 2019  तक, तेल और गैस , निर्यात से होनेवाली आय का 84 प्रतिशत हिस्सा रहता आया है।

हालांकि, तेल गतिविधियों की मेजबानी करनेवाले स्थानीय लोगों के लिए वास्तविकता इन गुलाबी आंकड़ों से बहुत दूर है। बड़े पैमाने पर मुनाफे के बावजूद, इन क्षेत्रों में रहनेवालों की स्थिति अविश्वसनीय रूप से खराब है। नाइजीरिया के इन  क्षेत्रों में बेरोजगारी 40 फीसद से ऊपर है।

यहां रहनेवाले 30 मिलियन से अधिक लोगों को उनकी भूमि, नदियों और दलदलों के नीचे से पंप किए गए संसाधनों से कोई महत्त्वपूर्ण लाभ नहीं हुआ है। खराब स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा, असुरक्षा और गरीबी व्यापक हैं।

तेल कम्पनियों की मिलीभगत के साथ कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और धन और संसाधनों पर कुलीन समूहों के कब्जों ने इन समुदायों को देश में सबसे कम विकसित और सबसे गरीब बना दिया है। तेल का निकलना आजीविका के पारंपरिक स्रोतों को बिना कोई विकल्प प्रदान किए अनुत्पादक बना देता है।

(नाइजर डेल्टा में अपनी झील पर डूह परिवार जो एक तेल रिसाव से तबाह हो गया था। नीदरलैंड में शेल के खिलाफ इस किसान परिवार ने मुकदमा जीत लिया, जिसमें 13 साल लग गए। पेटेरिक विगर्स/पैनोस)

हजारों किलोमीटर कच्चे तेल के पाइप नाइजर डेल्टा की भूमि, दलदलों और नदियों के नीचे दबे हुए हैं, कभी-कभी लोगों के खेत और घरों तथा पिछवाड़े में भी वे नियमित रूप से टूटते हैं, तेल छोड़ते हैं जो खेतों और नदियों, तालाबों को दूषित करते हैं, साथ ही “कच्चे उप-उत्पाद (सब प्रोडक्ट्स) भी आमतौर पर नदियों और खेतों में ही छोड़े जाते हैं। पारिस्थितिकी तंत्र को विनाश के दलदल में धकेलते हैं। साथ ही काली कालिख के उड़ने और गिरने की लगातार घटनाएँ, तेल निकालने के दौरान, निकली प्राकृतिक गैस को जलाने (लगभग 70%) की चमक व वायू प्रदूषण शामिल हैं।

निवासी इन समस्यओं को वर्षों से बिना किसी स्थायी समाधान के झेल रहे हैं। इन दुर्दशाओं के स्वास्थ्य संबंधी और आर्थिक प्रभाव बुजुर्गों और बच्चों सहित निवासियों पर एक गंभीर बोझ बन गए हैं। 2019 की एक रिपोर्ट से पता चला है कि इस क्षेत्र में लगभग 25,000 मौतों के लिए काली कालिख से संबंधित स्वास्थ्य विकार जिम्मेदार थे।

(तस्वीर-काली कालिख – लिंक्ड इन से साभार)

यह अनुमान है कि पिछले 50 वर्षों में नाइजर डेल्टा में 2 बिलियन लीटर से अधिक कच्चा तेल रिसाव के कारण बह गया है। नेशनल ऑयल स्पिल डिटेक्शन एंड रिस्पांस एजेंसी के अनुसार, अकेले 2020 में ‘लगभग 370 तेल रिसाव रिकॉर्ड किये गये थे।  जबकि बहुत से रिसावों को आधिकारिक तौर पर कभी रिपोर्ट नहीं किया जाता है।

रिसाव से तेल फैलने के प्रभाव बहुत ही विनाशकारी हैं। यहां तक ​​कि एक नदी में छोटे पैमाने पर रिसाव भी बड़े पैमाने पर मछलियां मरने का कारण बन सकता है, जिससे हजारों मछुआरे भुखमरी और विनाश की तरफ धकेल दिए जाते हैं। मैंग्रोव, जो मछली और अन्य जलीय प्रजातियों के प्रजनन स्थल हैं, सूख जाते हैं और जंगल नष्ट हो जाते हैं। नदियाँ निर्जीव हो जाती हैं। इसी तरह की आजीविका का नुकसान कृषि भूमि पर भी होता है।

(नाइजर डेल्टा क्षेत्र (सीईएचआरडी, 2019) में एक तटीय समुदाय में तेल रिसाव से नष्ट हुए मैंग्रोव फोटो- ग्लोबल इकोलॉजी एंड कोन्ज़रवेशन- जून 2022) 

2011 में, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने डेल्टा के ओगोनी लोगों के तेल-समृद्ध क्षेत्र ओगोनिलैंड में प्रदूषित स्थलों की एक मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की, जिनकी भूमि और नदियों से शेल ने 1958 और 1992 के बीच प्रतिदिन 28000 बैरल कच्चा तेल निकाला। इसने तेल प्रदूषण के नुकसान, जल स्रोतों को दूषित करने और समुदायों को गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर करने का विवरण दिया।

यूएनईपी ने अनुमान लगाया कि अकेले ओगोनिलैंड की सफाई में 25 से 30 साल लगेंगे और एक अरब डॉलर का प्रारंभिक खर्च होगा। रिपोर्ट ने तेल कंपनियों की बार-बार होनेवाली विफलताओं को भी उजागर किया- शेल द्वारा कथित रूप से साफ की जानेवाली साइटें अभी भी भारी प्रदूषित पाई गईं। इस बीच एक नाइजीरियाई अध्ययन में पाया गया कि पूरे नाइजर डेल्टा क्षेत्र की सफाई में 50 बिलियन डॉलर से अधिक का खर्च आएगा और इसमें कम से कम 50 साल लगेंगे। डेल्टा में जीवन जीने की आयु का औसत 43 वर्ष से नीचे हो गया है।

जब कि तेल कंपनियां अभी भी इन पर्यावरणीय समस्याओं के लिए जिम्मेदार होने पर दोषारोपण का खेल खेलती हैं। एक डच अपील कोर्ट ने हाल ही में शेल पेट्रोलियम डेवलपमेंट कंपनी (एसपीडीसी) को इस क्षेत्र में कुछ कृषि भूमि और फिशपॉन्ड प्रदूषण के लिए दोषी पाया।

अदालत के आदेश के बावजूद, एसपीडीसी को प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए कहने के बावजूद, तेल कंपनी ने जोर देकर कहा कि नुकसान तोड़फोड़ के कारण हुआ था और वित्तीय नुकसान के लिए फर्म को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।

अदालत के बाहर मामले को निपटाने के लिए शेल ने किसानों के साथ मध्यस्थता प्रक्रिया शुरू करने में लगभग एक साल का समय लगा दिया। मामला अभी भी चल रहा है, और यह देखा जाना बाकी है कि क्या दोनों पक्ष किसी समाधान पर पहुंचेंगे भी या नहीं।

दूसरी तरफ सरकार द्वारा निवासियों और प्राकृतिक पर्यावरण की दुर्दशा के प्रति घोर लापरवाही बरती गयी। राज्य और संघीय दोनों स्तरों के प्रशासन से संबंधित अधिकारियों ने इन हालात को समाप्त करने के लिए महत्त्वपूर्ण इच्छाशक्ति नहीं दिखाई है। प्रशासन ने अधिकतर कम्पनियों का साथ दिया, समुदायों के मांग और विरोध संघर्षो को हिंसक दमन से कुचला गया।

बाहर निकलना यानी भागना

यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि प्रभावित समुदाय तेल कंपनी ‘विनिवेश’ की नई लहर के बारे में एकदम साफ विचार रखते हैं, वे इसे कंपनियों की नाइजर डेल्टा में पर्यावरण प्रदूषण और बरबादी के वर्षों बाद “कन्नी  काटने और पतली गली से निकल जाने“ के अवसर के रूप में देखते हैं।

शेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बेन वैन बर्डन का दावा है कि कंपनी ‘नाइजर डेल्टा में सामुदायिक समस्याओं का समाधान’ नहीं कर सकती है और यह निष्कर्ष निकाला है कि ‘यह एक ऐसा जोखिम है जो अब हमारी जोखिम उठाने की सामर्थ्य के साथ फिट नहीं  बैठता  है।’

वास्तव में, पिछले दशक में सामुदायिक एकता और पर्यावरणीय विनाश के विरुद्ध अभियानों का फिर से शुरू होना  देखा गया है, जो यूरोपीय अदालतों में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को घसीटने के लिए हाल ही में खोजे गए अवसरों से प्रेरित हैं।

जैसा कि शेल और एक्सॉनमोबिल स्थानीय कम्पनियों को अपनी संपत्ति बेचते हैं, इस बारे में भी अनिश्चितताएं हैं कि प्रदूषण से होनेवाले भारी नुकसान का आकलन करने और गंदगी को साफ करने के लिए वास्तव में कौन जिम्मेदार होगा। जब शेल नाइजर डेल्टा की संपत्ति से ‘क्लीन ब्रेक’ करने की बात करता है, तो जवाबदेही की संभावना और अधिक दूर हो जाती है।

तिजाह बोल्टन, जो एक्वा इबोम राज्य में एक्सॉनमोबिल की गतिविधियों से प्रभावित समुदायों के साथ काम करती हैं, कहती हैं कि “विनिवेश जिम्मेदारी से बचने का एक प्रयास है… तेल निकालने के 50 से अधिक वर्षों के बाद, आप अपने मेजबान को सूचित और बात  किए बिना बस छिप कर निकल  भागने की फिराक में हैं।”

(सन्दर्भ– द न्यू इंटरनेशलिस्ट, प्रीमियम टाइम्स, द वैल्यू चैन, जर्नल ऑफ़ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी, बायो एनर्जी कंसल्ट)

# संकलन, अनुवाद, संपादन – उपेन्द्र शंकर

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