छींक पर एक बहस

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स्केच : अक्षय अमेरिया

— राजेन्द्र राजन —

तो आज की चर्चा शुरू करते हैं, दो विशेषज्ञ भी जुड़ गए हैं इस बहस में हमारे साथ।

बहुत-बहुत स्वागत है आप दोनों का।

हां तो सबसे पहले हम जानना चाहेंगे विशेषज्ञ-एक से, कि यह जो खबर आई है कि आज शाम पांच बजे उन्होंने छींका है और शायद पहली बार छींका है, तो आप किस तरह देखते हैं इस घटना को?

– देखिए मैं तो कहूंगा कि यह एक ऐतिहासिक छींक है और इस पर देश को गर्व होना चाहिए।

– अच्छी बात है, अब विशेषज्ञ-दो, आप बताइए, आप किस तरह देखते हैं इस पूरे मामले को।

– इसमें दो राय नहीं कि यह एक ऐतिहासिक छींक है, मगर हमें इतिहास ही नहीं, भविष्य की दृष्टि से भी देखना चाहिए, और भविष्य के मद्देनजर इसका दूरगामी महत्त्व है। मुझे लगता है इस छींक के जरिए उन्होंने कोई बड़ा संदेश देना चाहा है।

– लेकिन वह बड़ा संदेश क्या है इस पर विचार करने से पहले हम चलते हैं अपने संवाददाता के पास और जानते हैं वहां इस छींक को लेकर क्या चल रहा है।

– हां रोमा, हां, मेरी आवाज आ रही है? अच्छा, क्या खबर है? क्या कहा? उन्होंने नहीं छींका है, किसी माननीय ने छींका है!

– माफ कीजिएगा आप लोग, वह खबर सही नहीं थी। उन्होंने नहीं, किसी माननीय ने छींका है। खैर, देखते हैं हमारे विशेषज्ञों की क्या राय है इस पर।

– पहले आप बताइए विशेषज्ञ-एक!

– देखिए अगर यह सही है कि उन्होंने नहीं, किसी माननीय ने छींका है तो हमें देखना होगा कि किस नियम के तहत छींका है और क्या इसके लिए पहले से नोटिस दिया गया था? और इसमें उनकी पार्टी की क्या भूमिका है?

– विशेषज्ञ-दो, आप बताएं आपकी क्या राय है?

– देखिए इतना मैं जरूर कहूंगा कि इस तरह सार्वजनिक रूप से छींकना किसी माननीय को शोभा नहीं देता, लेकिन अभी इस मामले में पार्टी की जवाबदेही की बात करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि अभी यह मालूम नहीं है कि छींकनेवाले माननीय सत्तापक्ष के थे या विपक्ष के।

– तो ठीक है चलिए यही पता करते हैं, चलते हैं अपने संवाददाता के पास।

– हां रोमा, कुछ पता चला? छींकनेवाले माननीय सत्तापक्ष के थे या विपक्ष के?

– क्या कहा, वह उड़ती खबर थी? किसी अधिकारी ने छींका है!

– माफ कीजिएगा, किसी माननीय ने नहीं, किसी अधिकारी ने छींका है। देखते हैं हमारे विशेषज्ञ क्या सोचते हैं इस पर।

– पहले विशेषज्ञ-एक, आप बताइए।

– देखिए किसी अधिकारी ने छींका है तो इस मामले को राजनीतिक नहीं, नौकरशाही के नजरिए से देखना होगा और मैं कहूंगा कि यह घटना हमारी नौकरशाही में आ रही कमजोरी को दर्शाती है और इसे गंभीरता से लेना होगा।

– विशेषज्ञ-दो, आप बताइए, आपकी क्या राय है?

– देखिए नौकरशाही में आ रही कमजोरी का लक्षण नहीं, यह घटना नौकरशाही में पनप रहे असंतोष का सूचक है। हो सकता है उस अधिकारी ने छींक कर अपना असंतोष जताया हो।

– अगर यह असंतोष का लक्षण है तो पता करते हैं दूसरे अधिकारी क्या सोचते हैं इस मामले में।

– हां रोमा, और किसी से बात हुई? वे क्या सोचते हैं? क्या कहा?

अधिकारी ने नहीं, किसी सफाईकर्मी ने छींका है! ऑन ड्यूटी? पक्की खबर? हां!

– माफ कीजिएगा, आखिरकार सही खबर यह है कि किसी सफाईकर्मी ने छींका है, ऑन ड्यूटी।

– विशेषज्ञ-एक, आप बताइए, अब इस मामले को आप किस तरह देखते हैं।

– देखिए इस तरह ऑन ड्यूटी छींकना बड़ी ही गैर-जिम्मेदाराना हरकत है, इस पर कड़ी कार्रवाई करने में विलंब नहीं किया जाना चाहिए, ताकि यह संदेश जाए और यह संदेश बहुत जरूरी है कि छींक को लेकर पूरी सतर्कता बरती जाए।

– हां, विशेषज्ञ-दो, आप बताएं, आपकी क्या राय है।

– मैं विशेषज्ञ-एक की इस बात से सहमत हूं कि कड़ी कार्रवाई की जाए और जल्द से जल्द की जाए, पर साथ में यह सुझाव भी देना चाहूंगा कि सफाईकर्मियों के ऑन ड्यूटी छींकने के बारे में अलग से एक विशेष कानून बनाया जाए।

– इस बहस में शामिल होने और अपना कीमती समय देने के लिए आप दोनों का बहुत-बहुत शुक्रिया। कल हम फिर मिलेंगे एक और महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के लिए अपने विशेषज्ञों के साथ।

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