3 अक्टूबर। गुड़गांव में सोमवार को एक पुरानी फैक्ट्री को तोड़े जाने के दौरान दो मजदूरों की मौत हो गई। जबकि दो मजदूरों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हादसा उस समय हुआ जब इमारत को गिराने का काम जारी था। पुलिस ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी तक दो मजदूरों को मलबे से निकाला भी गया है। हादसा सुबह करीब आठ बजे उद्योग विहार फेस-1 इलाके में हुआ, जब 12 मजदूर इमारत को गिराने के काम में जुटे थे। पुलिस के अनुसार, तीन मंजिला इमारत को गिराने का काम 26 सितंबर से जारी था और फैक्टरी की दो मंजिलें गिराई जा चुकी थीं। हादसा आखिरी बची मंजिल की छत ढहने से हुआ।
मीडिया के हवाले से पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) दीपक सहारण ने बताया, कि दो लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बचाव अभियान जारी है, और गाजियाबाद के एनडीआरएफ के दल को भी तैयार रहने को कहा गया है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस, नागरिक सुरक्षा व दमकल कर्मियों के साथ मौके पर पहुँची और बचाव अभियान शुरू किया। मामले में प्रशासन ने एसडीएम को जाँच के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है, कि ठेकेदारों और मालिकों द्वारा काम के दौरान सुरक्षा मानकों की लगातार धज्जियाँ उड़ाई जा रही है, जिसके कारण मौत के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। लेकिन ऐसे मजदूरों के परिजनों और कार्यस्थल पर सुरक्षा नियमों की सुध लेनेवाला कोई नहीं है। शासन-प्रशासन हाथ पर हाथ रख कर इनकी मौत का तमाशा देख रहा है। वर्कर्स यूनिटी की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने पाया है, कि दुनिया भर में लगभग 2.3 मिलियन मजदूर हर साल काम से संबंधित दुर्घटनाओं या बीमारियों के कारण काल के गाल में समा जा रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि हर दिन 6,000 से अधिक मौतें होती हैं। इन आँकड़ों से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में होनेवाली मजदूरों की मौत का भी एक बड़ा हिस्सा है।