17 अक्टूबर। ग्लोबल हंगर इंडेक्स यानी वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत की स्थिति साल-दर-साल नीचे फिसलती जा रही है। इस साल यानी 2022 में जारी आँकड़ों के मुताबिक, भारत छह स्थान नीचे खिसक कर अब 121 देशों की सूची में 107वें पायदान पर पहुँच गया है। 2021 में भारत 101वें स्थान पर था। ग्लोबल हंगर इंडेक्स के प्रकाशकों ने इस सूचकांक में 29.1 स्कोर के साथ भारत में ‘भूख’ की स्थिति को गंभीर बताया है। दुनिया भर में भुखमरी पर आनेवाली रिपोर्ट में भारत की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है।
भारत से बेहतर स्थिति में उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश हैं। इन देशों में भुखमरी भारत से कम है। दक्षिण एशिया में केवल अफगानिस्तान की स्थिति भारत से बदतर है। अफगानिस्तान इस सूची में 109वें पायदान पर है। अमेरिका स्थित ‘अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान’ तथा जर्मनी स्थित ‘विश्व भूख सहायता संस्था’ नामक दो संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित की गई ग्लोबल हंगर इंडेक्स का स्कोर ग्लोबल, रीजनल और देश के स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापता है और ट्रैक करता है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की वार्षिक गणना की जाती है और प्रत्येक वर्ष अक्टूबर माह में रिपोर्ट जारी की जाती है।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक के आँकड़े सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार के आठ साल में भारत का स्कोर खराब हुआ है। मोदी जी! हिंदुत्व और हिंदी थोपना और नफरत फैलाना भूख की दवा नहीं है। प्रधानमंत्री बच्चों में कुपोषण, भूख और स्टंटिंग जैसे वास्तविक मुद्दों को लेकर कब संबोधित करेंगे? देश में 22.4 करोड़ लोग कुपोषित हैं। वहीं भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है, कि भारत की छवि लगातार खराब किए जाने की कोशिश एक बार फिर नजर आई है, कि एक राष्ट्र के रूप में वो अपनी जनसंख्या की खाद्य सुरक्षा और पोषण की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है।