गाजियाबाद नगर निगम की लापरवाही से दो सफाईकर्मियों की चली गयी जान

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18 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 2 सफाईकर्मियों की मौत के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। गाजियाबाद के खोड़ा थाना क्षेत्र में उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब सीवर की सफाई करने के लिए उतरे दो सफाईकर्मी जहरीली गैस की चपेट में आने से बेहोश हो गए।

आनन-फानन में अन्य सफाईकर्मियों की मदद से दोनों को बाहर निकाला गया। विदित हो, कि खोड़ा थाना क्षेत्र के इलाके में सफाईकर्मी सुनील सफाई करने के लिए सीवर में उतरा। जहाँ जहरीली गैस के चलते उसकी चीख-पुकार सुनाई दी।चीख सुनकर अन्य सफाईकर्मी सुनील उसे बचाने के लिए सीवर में उतरा। जहरीली गैस की चपेट में आने के बाद दोनों ही बेहोश हो गए। जिसकी जानकारी तुरंत नगर निगम को दी गई। जहाँ नगर निगम की टीम जेसीबी के साथ मौके पर पहुँची और सीवर को तोड़ने के बाद दोनों सफाईकर्मियों को बाहर निकाला। उन्हें दिल्ली के अस्पताल भेजा गया, जहाँ उपचार के दौरान दोनों की ही मौत हो गई। सीवर की सफाई करने के लिए उतरे सफाईकर्मियों को नगर निगम द्वारा सुरक्षा के कोई साधन मुहैया नहीं कराए गए थे। जिसका खामियाजा दो सफाई कर्मियों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

हाल ही में देश ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया और न्यू इंडिया का डंका भी पीटा गया, लेकिन सीवर में सफाई कर्मचारियों की मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इंतजाम के नाम पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है। नियमों की अनदेखी कर सफाई कर्मियों को मारने के लिए सीवर में उतारा जा रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है, कि जब सीवर की सफाई के दौरान हादसा हुआ हो। आये दिन ऐसी घटनाएँ प्रकाश में आती रहती हैं। मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के अनुसार सीवर में सफाई के लिए किसी भी व्यक्ति को उतारना पूरी तरह गैर-कानूनी है। एक्ट में इस पर रोक का प्रावधान है। किसी खास स्थिति में अगर व्यक्ति को सीवर में उतारना ही पड़ जाए, तो उसके लिए कई तरह के नियमों का पालन जरूरी है। उसे ऑक्सीजन सिलेंडर, स्पेशल सूट, मास्क, सेफ्टी उपकरण इत्यादि देना जरूरी है। इन नियमों की अनदेखी कर सफाई कर्मियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है।


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