28 अक्टूबर। पंजाब के संगरूर जिले में मुख्यमंत्री भगवंत मान के घर के सामने किसानों और किसान मजदूर यूनियनों का अनिश्चितकालीन धरना अनवरत जारी है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) की अगुवाई में किसानों ने अपनी माँगों को लेकर बीते 9 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। किसानों की मुख्य माँग है कि बारिश और कीट के कारण फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जाए।
किसानों का कहना है कि अब किसान अपना पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं, और वह हक लेने के बाद ही वापस लौटेंगे। उनका कहना है,श कि लेकिन यह संघर्ष कितने समय तक जारी रहेगा, इस संबंध में सरकार को ही सोचना होगा। इस धरने प्रदर्शन में पूरे पंजाब से हजारों की संख्या में किसान, मजदूर किसान, युवा मजदूर और महिलाएं शामिल हैं। मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, “हम अपनी माँगें पूरी होने तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
जब किसानों ने अपना धरना शुरू किया था, तब भाकियू उगराहां के प्रांतीय प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां का कहना था, कि पंजाब में सरकार बदलने से किसानों की दशा में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। पहले किसानों को अपने हकों की प्राप्ति के लिए धरने लगाने पटियाला व चंडीगढ़ जाना पड़ता था। अब संगरूर में दिन रात सड़कों पर गुजारनी पड़ रही है, लेकिन किसान अपने हक प्राप्त करके ही रहेंगे।
किसानों की मुख्य माँगें
# बारिश और कीट के हमले के कारण फसलों को हुए नुकसान को लेकर मुआवजा दिया जाए।
# धान की पराली के प्रबंधन के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की वित्तीय सहायता दी जाए।
# भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।
# मक्का, मूंग के साथ-साथ बासमती जैसी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान किया जाए।
# जिनके पशुओं की त्वचा रोग के कारण मृत्यु हुई है उन डेयरी किसानों को मुआवजा दिया जाए।
(‘वर्कर्स यूनिटी’ से साभार)