जल, जंगल, जमीन के लिए आदिवासियों की सौ किमी लंबी पदयात्रा

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26 अक्टूबर। हसदेव अरण्य में कोयला खदान के लिए हो रही जंगल की कटाई और जंगली जानवरों से घरों को उजाड़ने के बाद जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ने वाले आदिवासियों की जमीन एक बार फिर कॉरपोरेट के निशाने पर आ गयी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओड़िशा के सुंदरगढ़ के आदिवासी अपनी जमीन को बचाने के लिए 100 किलोमीटर लंबी पदयात्रा कर जिला कलेक्ट्रेट पहुँचे, और वहाँ धरना प्रदर्शन किया। अंततः जिला कलेक्टर ने आदिवासियों की बात मान ली।

मूकनायक की खबर के मुताबिक, ओसीएल यानी ओड़िशा सीमेंट लिमिटेड ने 2150 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर प्राइवेट कंपनी डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड को देना चाहता है। जिसके लिए कई गाँवों को चिह्नित किया गया। इस अधिग्रहण से 60,000 आदिवासी परिवार बेघर हो जाएंगे। इससे क्षुब्ध होकर ग्रामीण सड़कों पर आ गये हैं। ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने लिखित में आश्वासन दिया है कि उनकी जमीन के अवैध अधिग्रहण को रोकने के लिए राष्ट्रपति, राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा, और जब तक इसका कोई जवाब नहीं आ जाता तब तक आगे की प्रक्रिया को रोक रखा जाएगा। वहीं ग्रामीणों का कहना है, कि माँगें पूरी होने के बाद ही वे विरोध प्रदर्शन बन्द करेंगे।

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