इंदौर में आरई2 रोड प्रोजेक्ट रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन

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1 नवंबर। इंदौर नगर निगम भूरी टेकरी से आर.टी.ओ तक डेढ़ सौ फीट चौड़ी एक सड़क का निर्माण करने जा रहा है। इसके चलते लगभग साढ़े छह सौ परिवार बेघर होने की स्थिति में आ गए हैं। मंगलवार को इन कालोनियों के रहवासियों ने घर बचाओ रोजगार बचाओ अभियान के तहत प्रमोद नामदेव, रामस्वरूप मंत्री और अर्शी ख़ान के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा ज्ञापन देकर मांग की कि आर ई-2 रोड प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया जाए तथा गरीब मजदूर रहवासियों को जो पिछले 30 साल से यहां रहकर अपना परिवार पाल रहे हैं उन्हें विस्थापित नहीं किया जाए ।

प्रदर्शनकारियों ने बड़ी देर तक कलेक्टर कार्यालय कर सड़क प्रोजेक्ट को रद्द करने की मांग को लेकर नारेबाजी की तथा अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन दिया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि नगर निगम का अमला प्रतिदिन आकर बस्तीवालों को डराते-धमकाता है और घर खाली कराने के लिए लगातार दबाव बना रहा है। नगर निगम ने शांति नगर बस्ती के घरों को डरा-धमका कर खाली करा लिया है। अभी भी पांच-छह कॉलोनियां बची हुई हैं।

मुख्यमंत्री ने मंच से घोषणा की थी कि ये बस्तियां नहीं तोड़ी जाएंगी। इंदौर नगर निगम के जनप्रतिनिधियों ने भी वादा किया था कि ये बस्तियां नहीं तोड़ी जाएंगी। परन्तु सभी नियमों की अनदेखी कर यह सड़क निकाली जा रही है और बस्तियों को उजाड़ा जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि – 

यह सड़क बस्ती के बीच से निकाली जा रही है जबकि पास में ही शासकीय भूमि खाली पड़ी हुई है। यदि खाली पड़ी हुई भूमि से यह रोड निकाला जाए तो इससे सभी परिवार बचाए जा सकते हैं।

# इस रोड से बाईपास की दूरी 100 मीटर की है इतने पास में ही एक दूसरे सड़क का निर्माण करना क्या सही है?

# यहां पर शिव नगर से दर्शन नगर के जो लोग रह रहे हैं मध्यप्रदेश शासन द्वारा इनको यहां पर रहने के लिए जगह दी गई थी और 30 साल का पट्टा उनको दिया गया था। तब नगर निगम ने यहां पर पहले से ही क्यों इनको बसने से नहीं रोका। आज जब यह बस्ती पूर्णता विकसित हो चुकी है तो नगर निगम आकर इन घरों को तोड़ने का काम कर रहा है।

# यह बस्तियां पूरी तरह मजदूर बस्तियां हैं। बेहद तंगहाली में यहां के लोग रहते हैं, दो वक्त का खाना जुटाना भी इनके लिए मुश्किल है। ऐसे में नगर निगम आकर इनसे 2-2 लाख की मांग कर रहा है कि आपको दूर जाकर फ्लैट दिए जाएंगे इसके लिए आपको ₹ 2 लाख जमा करना है। इन मजदूरों के पास खाने के पैसे नहीं हैं। यह ₹2 लाख नगर निगम के लिए कहां से भरेंगे?

# नगर निगम इन मजदूरों को इंदौर शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर एक मल्टी में शिफ्ट करने जा रहा है। इन लोगों का रोजगार इंदौर शहर से जुड़ा हुआ है। इतनी दूर से वे क्या मजदूरी करने के लिए यहां पर आ सकते हैं?

# नीलगिरी यानी जहां पर बसाने की बात नगर निगम कर रहा है वहां पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। न अस्पताल की व्यवस्था है, न स्कूल है, न पानी की व्यवस्था है, न आवागमन का पर्याप्त साधन है।

प्रदर्शनकारियों की मांगें

1. RE2 रोड प्रोजेक्ट को रद्द किया जाए।

2. रद्द ना होने की स्थिति में रोड के एलाइनमेंट को चेंज करते हुए जो खाली पड़ी हुई जगह है वहां से रोड बनाया जाए।

3. घर के बदले घर जमीन के बदले जमीन मुसाखेड़ी में ही उपलब्ध कराई जाए।

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