भारत में निजी स्कूलों का बोलबाला, सरकारी स्कूलों पर ताला

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3 नवम्बर। एक तरफ सरकार देश में प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा दे रही है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों पर ताला लगा रही है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि UDISE Plus-2018-19 के डेटा के अनुसार, देश में सरकारी स्कूलों की संख्या में कमी आई है। जबकि प्राइवेट स्कूलों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। UDISE की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 50 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों को बंद किया जा चुका है। राज्यों में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा सरकारी स्कूलों पर ताला लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों की संख्या 2018-19 में 1,083,678 से गिरकर 2019-20 में 1,032,570 हो गई। यानी कि देशभर में 51,108 सरकारी स्कूल कम हुए हैं।

उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की संख्या में 26,074 स्कूलों की गिरावट देखी गई। साल 2018 में सितंबर में यहां स्कूलों की संख्या 163,142 थी, जो सितंबर 2020 में घटकर 137,068 हो गई। जबकि मध्यप्रदेश में स्कूलों की संख्या में 22,904 की गिरावट देखी गई। बिहार और बंगाल दो ऐसे राज्य हैं, जहाँ सबसे ज्यादा प्राइवेट स्कूलों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी गई है। यूनेस्को की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के दस में से सात स्कूल प्राइवेट हैं। इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में एक और हैरान कर देने वाला दावा किया गया है, कि 73 प्रतिशत लोग अच्छी पढ़ाई ना होने के चलते सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला नहीं करा पाते हैं। यूनेस्को की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग रिपोर्ट 2022 के अनुसार, सार्वजनिक शिक्षा की अपर्याप्त आपूर्ति और गुणवत्ता के साथ ही माता-पिता की बढ़ती आकांक्षाओं ने भारत में निजी शिक्षा के विकास को प्रेरित किया है।

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