5 नवम्बर। कर्नाटक में निजी चीनी मिल के कटाई और परिवहन शुल्क में वृद्धि के एकतरफा फैसले का विरोध कर रहे गन्ना किसानों ने सरकार के समाधान के साथ आने तक आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है, और 10 नवंबर तक गन्ने को पेराई के लिए नहीं भेजने का निर्णय भी लिया है। कर्नाटक राज्य गन्ना उत्पादक संघ के अध्यक्ष कुरुबुर शांता कुमार ने शुक्रवार को उत्तर कन्नड़ जिले के हलियाल में किसानों के साथ बैठक की। इस बैठक में किसानों ने मिल के मालिक और किसान प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के लिए सरकार द्वारा तय की गई तारीख 10 नवंबर तक आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है।
शांता कुमार ने कहा कि यदि चीनी विकास आयुक्त, जो चीनी मिल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने वाले थे, समाधान के साथ आते हैं, तो गन्ना भेजने पर निर्णय लेने के लिए किसान फिर से मिल सकते हैं। किसान गन्ने के लिए वैज्ञानिक एफआरपी (उचित लाभकारी मूल्य) और मिलों द्वारा लगाए जा रहे कटाई और परिवहन लागत में वृद्धि को तत्काल वापस लेने की माँग कर रहे हैं। इस बीच धारवाड़ में गन्ना किसानों का सोमवार से शुरू हुआ आंदोलन अब भी जारी है। किसानों ने सरकार की ओर से बुलाई गई बैठक तक इसे जारी रखने का संकल्प लिया है। चीनी और गन्ना विकास मंत्री शंकर पाटिल मुनेनकोप्पा ने गुरुवार को किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की और विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए 10 नवंबर को बैठक बुलाने का वादा किया है।
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