वाराणसी से जन आंदोलन के साथी पहुंचे खिरिया के मैदान

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14 नवंबर। आजमगढ़ में जबरदस्ती भूमि अधिग्रहण के विरोध में खिरिया की बाग में चल रहे धरने के समर्थन में 33वें दिन वाराणसी से लोक विद्या जन आंदोलन की चित्रा सहस्रबुद्धे, सुनील सहस्रबुद्धे, जय किसान आंदोलन के रामजनम, मां गंगा सेवा समिति के हरिश्चन्द्र बिंद, भारतीय किसान यूनियन वाराणसी नगर अध्यक्ष कृष्ण कुमार क्रांति, कमलेश कुमार पहुंचे।

लोक विद्या जन आंदोलन के सुनील सहस्रबुद्धे ने कहा कि ये संघर्ष जो आपके ऊपर थोप दिया गया हम इस संघर्ष में आपके साथ हैं। वो आपको उजाड़ने आए तो आपने उसे नामंजूर कर दिया। इस संघर्ष को जीतने के लिए हमारा ऐलान है न जमीन देंगे न जान देंगे, अपनी जिंदगी वापस लेंगे। उनको एयरपोर्ट का मंसूबा वापस लेना होगा। आज सत्ता जबरदस्ती कर रही है पर जीत समाज की होगी। आपके पास जन शक्ति है।

लोक विद्या जन आंदोलन की चित्रा सहस्रबुद्धे ने कहा कि हम आज किसानों से सीखने आए हैं। गांव के लोग खुशहाली का रास्ता बताते हैं। किसानों ने राजनीतिक दलों को घुटने टेकने पर मजबूर किया। समाज की एकता तय करेगी हमारी जीत।

जय किसान आंदोलन के रामजनम ने कहा कि पूर्वांचल की धरती से उभरे इस आंदोलन से एक रोशनी की किरण निकली है। इस देश का मेहनतकश अवाम आपके साथ है। इस देश में हवाईअड्डे, एक्सप्रेस वे के नाम पर किसानों को लूटा गया। इस लूट को विकास बताने वालों को यह आंदोलन एक जबरदस्त धक्का देगा। किसान आंदोलन 13 महीने चला और आपको 33 दिन हुए, दोनों लड़ाइयां एक है। ये आंदोलन परिवर्तन करेगा।

सांसद दिनेश लाल निरहुआ के एयरपोर्ट के लिए सरकारी जमीन ली जाएगी वाले बयान पर किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि ग्रामसभाएं तय करेंगी की जमीन देंगे कि नहीं, किसी सरकार को यह तय करने का अधिकार नहीं कि वो हमारी जमीन ले ले। निरहुआ को जान लेना चाहिए ये फ़िल्म का शो नहीं जीवन बचाने की लड़ाई है। खुद को किसान का बेटा और उसके हक छीनने नहीं देंगे का डायलॉग बंद कर निरहुआ को खिरिया की बाग में बैठी माताओं-बहनों से बात करनी चाहिए। राजीव ने कहा कि जब मोदी बोलते हैं कि दो-तीन किलो रोज गाली खाकर उनको पौष्टिकता मिलती है तो उनकी पार्टी के सांसद उलजुलूल ही तो बोलेंगे।

मां गंगा सेवा समिति के हरिश्चन्द्र बिंद ने कहा कि किसान आंदोलन ने साफ किया कि तुम्हारे जन विरोधी कानूनों को नहीं मानेंगे। इस लड़ाई में हम आपके साथ हैं। जहां भी जमीन छीनी गई उनको फिर छत नहीं मिली। इस तानाशाही का जवाब हमें गांधी के रास्ते देना होगा।

भारतीय किसान यूनियन वाराणसी नगर अध्यक्ष कृष्ण कुमार क्रांति ने कहा कि सरकार ग्राम देवता किसान को उजाड़ना चाहती है। मेरा कहना है कि किसानों को न छेड़े।

मोर्चा के संयोजक रामनयन यादव, भीम आर्मी के एके आनंद, अमीर चंद यादव, रामआसरे प्रभकार, जसवंत प्रधान, रिसी यादव, रंग बहादुर, शक्तिमान ने भी धरने को संबोधित किया।

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