23 नवंबर। दो दिन के विश्राम के बाद भारत जोड़ो यात्रा के 77वें दिन की शुरुआत मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक बुरहानपुर से हुई। बुरहानपुर में कुल खेती योग्य क्षेत्र का छठा हिस्सा केले की खेती के लिए उपयोग किया जाता है। यह पावरलूम उद्योग के केंद्रों में से भी एक है।
बुधवार को राजगोपाल पीवी के नेतृत्व में एकता परिषद के 50 से अधिक सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल भारत जोड़ो यात्रा के नागरिक समाज समूह में शामिल हुआ। एकता परिषद मध्य प्रदेश में आदिवासियों, किसानों और अन्य मुद्दों पर काम करती है।
कल नागरिक समाज के नेताओं ने भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने वाले गोंडा के आदिवासियों से बातचीत की। बातचीत के दौरान एक आदिवासी व्यक्ति ने बताया कि आदिवासियों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है, जिससे उनका जीवन काफी मुश्किलों से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि वह अपने बच्चों को शिक्षित नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें बहुत कम मजदूरी पर काम पर भेज रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ युवाओं ने बीए, एमए की पढ़ाई पूरी कर ली है, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है और वे घर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनके लिए जो योजनाएं चला रही है, वह उन तक आसानी से पहुंचे और योजनाओं का लाभ सभी को मिले, ऐसी राह ढूंढ़नी होगी।
भारत जोड़ो यात्रा अगले 10 दिनों तक मध्यप्रदेश में रहेगी।
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