10 दिसंबर। इंटरार्क कंपनी के किच्छा धरना स्थल पर पंतनगर एवं किच्छा के सभी मजदूर अपने महिलाओं-बच्चों सहित बड़ी संख्या में डटे रहे। धरना स्थल पर रुक कर वार्ता में प्रतिभाग कर रहे भारतीय किसान यूनियन व मजदूर प्रतिनिधियों के गाइडलाइन का पालन करते रहे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को मजदूर एडीएम किच्छा के घेराव का कार्यक्रम करने के लिए पहुँचे थे। इस दौरान आंदोलन एवं कार्यक्रम को समर्थन देने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी उपस्थित हुए एवं सभा को संबोधित किया।
दूसरी ओर उधम सिंह नगर कलेक्ट्रेट परिसर में एडीएम की मध्यस्थता में इंटरार्क कंपनी प्रबंधन व भारतीय किसान यूनियन के नेताओं की इंटरार्क मजदूरों के समझौते को लेकर वार्ता हुई। वार्ता में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्मसिंह पड्डा, उत्तराखंड उत्तर प्रदेश प्रभारी बलजिंदर सिंह मान एवं युवा कुमाऊं मंडल अध्यक्ष प्रभजोत सिंह उपस्थित थे।
कंपनी प्रबंधन वर्ष 2022 में सस्पेंड किये मजदूरों में से कुछ लोगों को छोड़कर बाकी लोगों को लेने की बात कर रहा था। प्रबंधन का कहना था कि सुपरवाइजर बताएंगे कि किन लोगों से काम कराना असम्भव है, उन्हें लेना संभव न होगा। जिस पर किसान नेताओं ने प्रबंधन से स्पष्ट बोल दिया है कि सभी को एकसाथ लेना पड़ेगा, इसमें कोई किन्तु परन्तु नहीं चलेगी। वर्ष 2018 में निकाले गए 32 साथियों की कार्यबहाली पर कोई सहमति नहीं बन पाई। वेतन बढ़ोत्तरी को लेकर प्रबंधन का कहना था, कि वो कोरोना काल के एक साल का वेतन वृद्धि देने में असमर्थ हैं। कितनी वेतन वृद्धि होगी इस पर सोमवार को खुलासा होगा। किसानों मजदूरों से कहा गया कि जिन कंपनियों में वेतन समझौते हुए हैं, उसकी कॉपी हमें उपलब्ध करा दें तब उस आधार पर बात करेंगे।
किसान नेताओं ने कहा कि सोमवार को एडीएम के साथ आखिरी वार्ता होगी जो लिखित रूप में होगी। साथ ही एडीएम महोदय को चेतावनी दी है कि सोमवार की वार्ता अंतिम वार्ता होगी। यदि सोमवार को समझौता नहीं हुआ तो उसके बाद कड़े कदम उठाए जाएंगे। वार्ता में शामिल उक्त किसान साथियों की अपील पर आज महिलाओं के एसडीएम कार्यालय कूच के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया।
(‘मेहनतकश’ से साभार)
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