प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्लेम में 48 फीसदी की गिरावट, कंपनियां हो रहीं मालामाल

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19 दिसंबर। खेती में किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू हुई थी। वहीं आवेदनों की संख्या में बढ़ोत्तरी के बावजूद, पीएमएफबीवाई के माध्यम से भुगतान किए गए कुल क्लेम में 2021-22 में 48.77 फीसदी की कमी आई है। सरकारी आँकड़ों से यह जानकारी मिली है। 2021-22 में 8.32 करोड़ बीमा क्लेम के एवज में 13,728.64 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। यह राशि 2020-21 में 6.23 करोड़ आवेदनों के लिए भुगतान किए गए 20,425.01 करोड़ रुपये से कम है।

विदित हो कि इस साल देश के कई राज्य जैसे ओड़िशा, महाराष्ट्र, हरियाणा और पंजाब में बहुत ज्यादा बारिश हुई है। वहीं देश के कुछ और राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश में भी बहुत ज्यादा बारिश हुई है। इस कारण किसानों की फसल जैसे धान, दलहन आदि को काफी नुकसान हुआ है। अगर मौसम की मार या किसी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल बर्बाद हो जाती है, तो सरकार किसानों को इसका मुआवजा देती है। इससे किसानों को मुसीबत के समय आर्थिक सहायता मिल जाती है।

कृषि अर्थशास्त्री देविंदर शर्मा ने मीडिया के हवाले से बताया, “योजना में एनरोलमेंट बैंकों के माध्यम से किया जाता है, और यह बढ़ सकता है। लेकिन क्लेम को या तो खारिज कर दिया जाता है या उन्हें पूरा होने में इतना समय लगता है कि कई किसान योजना से उम्मीद खो देते हैं।” वहीं आलोचकों का कहना है कि किसानों की मदद करने वाली योजना होने के बावजूद पीएमएफबीवाई का इस्तेमाल बीमा कंपनियों द्वारा मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है। कृषि अर्थशास्त्री अवनीश कुमार ने कहा, ”किसान और सरकार बीमा कंपनियों को प्रीमियम के रूप में बड़ी राशि का भुगतान कर रहे हैं। लेकिन क्लेम का भुगतान कम है, और अंतर को प्राइवेट बीमा कंपनियों द्वारा लाभ के रूप में पॉकेट में डाला जा रहा है।”

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