21 दिसंबर। मध्यप्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। शनिवार को वे जेपी हॉस्पिटल कैम्पस में धरने पर बैठ गए। उनकी माँग है, कि स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों को स्थायी किया जाए। साथ ही इन्हें स्थायी कर्मचारियों जितना वेतन मिले। इसके अलावा जिन कर्मचारियों को बिना कारण निकाल दिया गया है, उन्हें वापस नौकरी पर रखा जाए। धरने पर बैठे कर्मचारियों ने सुंदरकांड का पाठ भी किया। इस दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘शोषण बंद’ करने के नारे लगाए। आभा स्वास्थ्य एवं एनएचएम कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश मिश्रा ने इस आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने बताया कि सालों से कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। कर्मचारी अपने शोषण से छुटकारा पाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। हमारी सरकार से माँग है कि सालों से हम संविदा के आधार पर काम कर रहे हैं। इसे खत्म कर हमें नियमित किया जाए। उन्होंने कहा, कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध करते हैं, कि आपने पहले जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करें। संविदा साथियों को नियमित करें। हम समान काम, समान वेतन की माँग करते हैं।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का यह आंदोलन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के नेतृत्व में हो रहा है। संघ में भोपाल की जिलाध्यक्ष सुनंदा पटेल ने कहा, कि हम यहाँ दो सूत्री माँगों को लेकर इकट्ठा हुए हैं। हमारी पहली माँग है, कि एनएचएम के तमाम कर्मचारियों को नियमित किया जाए। इसके साथ ही हमारे सभी निष्कासित साथियों को वापस एनएचएम में नौकरी दी जाए। जब तक माँग पूरी नहीं हो जाती, तब तक धरने पर बैठे रहेंगे। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ की प्रदेश अध्यक्षा मीना शुक्ला ने मीडिया के हवाले से बताया, कि हम अपना भविष्य सुधारने के लिए इस हड़ताल में बैठे हैं। जब तक हमें नियमितीकरण का आदेश नहीं मिलेगा, हम यह आंदोलन जारी रखेंगे।
(‘मेहनतकश’ से साभार)
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