झाबुआ में नफरत छोड़ो संविधान बचाओ यात्रा

0

25 दिसंबर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व सांसद मामा बालेश्वर दयाल जी की 24 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज थांदला स्थित मामा बालेश्वर दयाल एक्यूप्रेशर उद्यान में मामा बालेश्वर दयाल एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पत्रकार कन्हैयालाल वैद्य की मूर्ति पर माल्यार्पण कर ‘नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ अभियान यात्रा की शुरुआत की गई।

यात्रा के दौरान मोरझरी गांव में सभा को संबोधित करते हुए जदयू सांसद अनिल हेगड़े ने कहा कि मामा बालेश्वर दयाल जी की प्रेरणा से कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में 1977 में शराबबंदी लागू की थी लेकिन ढाई साल में ही उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी। नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर 1 अप्रैल 2016 को बिहार में सख्ती से शराबबंदी लागू की, जो आज भी जारी है।

उन्होंने कहा कि मामा जी की प्रेरणा से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश में पहली बार पंचायतों में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया।

उन्होंने कहा कि मामा जी ने जिस तरह ईमानदारीपूर्वक पारदर्शिता के साथ जीवन जिया था, उसी तरह नीतीश कुमार ने 7 साल केंद्रीय मंत्री रहते हुए तथा 18 साल मुख्यमंत्री रहते हुए, बेदाग रहकर राजनीति की, जिससे साबित होता है कि समाजवादी, मूल्य आधारित राजनीति करते हैं।

यात्रा के रतनपुरा पहुंचने पर मामा जी की मूर्ति एवं पूर्व विधायक मन्ना जी तथा मामा जी के अनुयायी जोख्या भगत की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक एवं किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ सुनीलम ने कहा कि मामा जी ने समाज को विश्वास में लेकर शराबबंदी के लिए लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यदि बिहार में शराब से राजस्व वसूले बिना सरकार चलाई जा सकती है तो शिवराज सिंह चौहान और अशोक गहलोत शराबबंदी लागू कर सरकार क्यों नहीं चलाते? जबकि दोनों ने चुनाव घोषणापत्रों में नशामुक्ति का वायदा किया था।

उन्होंने कहा कि समाज हित में कड़े फैसले लेने के लिए जिस राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है, वह मध्यप्रदेश और राजस्थान की सरकार में दिखलाई नहीं पड़ती।

सभा को संबोधित करते हुए किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव राजेश बैरागी ने मामा बालेश्वर दयाल को भारत रत्न देने की मांग की तथा कहा कि मामा जी के अनुयायी मामा जी के देहांत के बाद अपने पैसों से मामा जी की मूर्ति झाबुआ कलेक्ट्रेट में लगाने की मांग कर रहे हैं लेकिन शिवराज सरकार मूर्ति लगाने को तैयार नहीं है।

मामा जी पर अब तक 10 किताबें प्रकाशित कर चुके वरिष्ठ पत्रकार क्रांति कुमार वैद्य ने कहा कि मामा जी ने भीली भाषा में जो लेख , कहानियां तथा ग्रंथ लिखे हैं उन्हें भीलांचल के हर आदिवासी तक पहुंचाने की जरूरत है।

यात्रा के बामनिया पहुंचने पर मामा जी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए सांसद अनिल हेगड़े ने कहा कि मामा जी के जीवनकाल में लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ लोहिया, आचार्य नरेंद्र देव, मधु लिमये, मधु दंडवते, जॉर्ज फर्नांडिस, नीतीश कुमार समाजवादी आंदोलन के प्रतिनिधि के तौर पर बामनिया आते थे।

उन्होंने कहा कि मैं देश के समाजवादियों की ओर से प्रतिनिधि के तौर पर मामा जी की समाधि पर यह संकल्प लेता हूं कि हम मामा जी के सिद्धांतों के अनुरूप समाजवादी राजनीति करते रहेंगे।

समाधि स्थल पर मंगल मेहता द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘संघर्ष सपूत : मामा बालेश्वर दयाल’ का लोकार्पण किया गया।

सांसद अनिल हेगड़े और डा सुनीलम ने मामा बालेश्वर दयाल की मानस पुत्री मालती बहन से मिलकर उनके स्वास्थ्य का हाल जाना तथा आशीर्वाद प्राप्त किया। 8 लेन से प्रभावित आदिवासियों ने सांसद अनिल हेगड़े को ज्ञापन सौंपा।

यात्रा में वरिष्ठ पत्रकार क्रांति कुमार वैद्य, पत्रकार सत्यनारायण शर्मा, देवास से किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव लीलाधर चौधरी, उज्जैन संभाग के संयोजक इंद्रसेन निंबोलकर, नागदा से कमलेश परमार एवं झाबुआ जिले के किसान संघर्ष समिति से नरेंद्र मुनिया, बहादुर भाई, गोपाल डामोर, पिदिया निनामा, लीला बहन, लक्ष्मण भाई सहित अनेक पदाधिकारी शामिल हुए।

– राजेश वैरागी
प्रदेश सचिव, किसान संघर्ष समिति, झाबुआ

Leave a Comment