26 दिसंबर। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व सांसद मामा बालेश्वर दयाल की 24वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उनके समाधिस्थल या आसपास श्रद्धांजलि सभा नहीं होने देने पर आपत्ति करते हुए कहा है कि सरकार व प्रशासन को मामाजी के अनुयायियों की आवाज को बंद करने से बाज आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस तरह के किसी भी अलोकतांत्रिक फैसले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डॉ सुनीलम ने कहा कि अगले वर्ष श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी जिसमें वे खुद शामिल होंगे।
डॉ सुनीलम ने कहा कि प्रशासन द्वारा समाधि स्थल के आसपास श्रद्धांजलि सभा करने की अनुमति देनी चाहिए थी तथा सभी इच्छुक संगठनों को समय आवंटित कर देना चाहिए था। देश में यह पहला अवसर है जब किसी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा करने से रोका गया।
डॉ सुनीलम ने कहा कि मामा जी की प्रेरणा से यदि बिहार में शराबबंदी लागू हो सकती है तो मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान शराबबंदी क्यों नहीं कर सकते? जबकि वे बार बार बेटी बचाओ और नशामुक्ति की बात करते हैं।
डॉ सुनीलम ने कहा कि घरेलू हिंसा, अपराध, दुर्घटनाएं, किडनी और लीवर खराब होने वाली मौतों से रोकने के लिए शराबबंदी आवश्यक कदम है। बिहार के आंकड़े शराबबंदी से होने वाले सकारात्मक परिवर्तन दिखलाते हैं
डॉ सुनीलम ने मामा जी के मध्यप्रदेश के अनुयायियों से अपील की है कि राजस्थान के अनुयायियों द्वारा जिस तरह पदयात्रा निकाली जाती है उसी तरह मध्यप्रदेश के अनुयायियों द्वारा पदयात्रा नियमित निकाली जाए। उन्होंने कहा कि वे मामाजी के अनुयायियों द्वारा की जाने वाली ऐसी किसी भी पदयात्रा में शामिल होंगे।
डॉ सुनीलम ने मामा बालेश्वर दयाल को भारत रत्न देने व झाबुआ जिला कार्यालय में आदमकद प्रतिमा स्थापित करने के लिए स्थान देने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि मामा जी के अनुयायी यदि उनके जन्मस्थान इटावा जिले के निवाड़ी कला में मूर्ति स्थापित कर सकते हैं तो वे जिलाधीश कार्यालय के सामने भी मूर्ति स्थापित करने के लिए आर्थिक संसाधन जुटा सकते हैं।
– राजेश वैरागी
प्रदेश सचिव, किसान संघर्ष समिति, झाबुआ