भारत में शहरी बेरोजगारी दर में तेजी से बढ़ोत्तरी

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26 दिसंबर। इस साल भारत में शहरी बेरोजगारी दर 10.9 प्रतिशत तक पहुँच गई है। वहीं दिसंबर में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 8.4 प्रतिशत है, नवंबर में बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी(CMIE) की ओर से पेश अध्ययन रिपोर्ट में इस तरह का डेटा जारी किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार हिन्दुस्तान में दिसंबर के महीने में बेरोजगारी दर अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है। केंद्र और राज्य सरकारों की तमाम कोशिशों से भी बेरोजगारों को योग्यता के मुताबिक काम नहीं मिल पा रहा है।

देश में काम करने वालों की संख्या बढ़ रही है लेकिन नौकरियां घट रही हैं, जो कि महंगाई के दौर में बड़ा संकट है। इस साल के आखिरी महीने में बढ़ते वर्क फोर्स की तुलना में बेरोजगारी दर 8 प्रतिशत से अधिक हो गई है। अलबत्ता बिजनेस टुडे वेबसाइट और टीमलीज ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि 2023 में नौकरियां बढ़ने के आसार बन रहे हैं। जनवरी से मार्च तक सर्विस सेक्टर की 77 प्रतिशत कंपनियों द्वारा हायरिंग की योजना है। इससे देश में काफी नौजवानों को काम मिलेगा।

रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि 2023 के वित्तीय महीने मार्च तक भारत में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से कई सेक्टर में रोजगार बढ़ेगा। अलग-अलग शहरों में कंस्ट्रक्शन, स्टील, केमिकल, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म और ऑटो सेक्टर में काम बढ़ेगा। कंपनियों को कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। जरूरतमंदों को नौकरी मिलेगी। रिपोर्ट में व्यापार, रिटेल सेक्टर, उपभोक्ता सामानों के साथ सॉफ्टवेयर सेक्टर का प्रदर्शन भी तुलनात्मक रूप से कम रहने की संभावना जताई गई है। हिन्दुस्तान में नौकरियां बढ़ाने के लिए CMIE ने सरकार को ऐसी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है, जहाँ ज्यादा लेबर फोर्स की जरूरत होती है। सलाह दी गई है कि मैन्युफैक्चरिंग, टेक्सटाइल और लेदर जैसी इंडस्ट्री को सहूलियत दी जाए। स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सर्विस सेक्टर में प्राइवेट इनवेस्टमेंट को प्रोत्साहित करने की बात कही है। CMIE ने वोकेशनल ट्रेनिंग का इकोसिस्टम खड़ा करने की जरूरत बताई है।

(‘वर्कर्स यूनिटी’ से साभार)

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