27 जनवरी। छत्तीसगढ़ के कोरबा में एनटीपीसी कामगार यूनियन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है कि ठेकेदार मजदूरों के आर्थिक हितों का ध्यान नहीं रख रहे हैं। मनमाने तरीके से काम लेने के साथ मजदूरों को सरकार की निर्धारित मजदूरी नहीं दी जा रही है। यूनियन ने आरोप लगाया, कि एनटीपीसी प्रबंधन इस पूरे मामले में खामोश है। विदित हो, कि नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन की कोरबा परियोजना में बड़ी संख्या में ठेका मजदूर काम कर रहे हैं। मजदूरों के सामने कई प्रकार की समस्याएं बनी हुई हैं। कामगार यूनियन के महासचिव जीवीआर मूर्ति ने मीडिया के हवाले से बताया, कि एनटीपीसी में ठेकेदार मजदूरों की छंटनी करने के साथ उन्हें कई तरह से परेशान कर रहे हैं।
कामगार यूनियन के महासचिव जीबीआर मूर्ति की मानें तो एनटीपीसी में अलग-अलग निजी कंपनियां काम करती हैं। लगभग 180 कर्मचारियों का ऑनलाइन कलेक्ट्रेट दर से पेमेंट होता है, लेकिन खाते में राशि डालने के बाद उसमें से कुछ राशि वापस ठेकेदार ले लेते हैं। इसका विरोध करने पर उसे काम से निकाल भी दिया जाता है। इससे गरीब मजदूरों का शोषण हो रहा है। इसकी शिकायत संबंधित एनटीपीसी प्रबंधन से भी की गई है, लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि श्रम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। श्रमिक संगठन इसका पुरजोर विरोध कर रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एनटीपीसी मजदूर यूनियन ने कई अहम जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि ठेकेदार मनमर्जी तरीके से काम ले रहे हैं।
(‘नवभारत टाइम्स’ से साभार)