28 जनवरी। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिण्डनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर लगातार टूट रहे हैं। यही नहीं उद्योगपतियों की लिस्ट में भी अडानी काफी पीछे छूट गए हैं। निवेशकों के भी लाखों करोड़ रुपये डूब गए हैं। अडानी कंपनियों ने इस रिपोर्ट को ‘बोगस’ करार दिया है, यानी कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है। वहीं इसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने भी सवाल खड़े किए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा, कि देश में पिछले दो दिन से गणतंत्र दिवस से ज्यादा प्रमुख अडानी उद्योग ग्रुप के सम्बंध में अमेरिकी फर्म हिण्डनबर्ग की आई निगेटिव रिपोर्ट व उसका शेयर बाजार पर व्यापक बुरा प्रभाव आदि काफी चर्चाओं में है। सरकार चुप है, जबकि देश के करोड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई उससे जुड़ी हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि शेयरों में धोखाधड़ी आदि के आरोपों के बाद अडानी की सम्पत्ति में 22.6 अरब डालर की कमी व उनके विश्व रैंकिंग घटने से ज्यादा लोग इससे चिन्तित हैं, कि सरकार ने ग्रुप में जो भारी निवेश कर रखा है उसका क्या होगा? अर्थव्यवस्था का क्या होगा? इस पर बेचैनी व चिन्ता स्वाभाविक है। इसका समाधान जरूरी है। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने चुटकी लेते हुए ट्वीट किया कि मोदी जी, आपके मित्र ने सबसे बड़ा घोटाला किया है, आप खामोश क्यों हैं? कहाँ है आपकी ईडी सीबीआई? वहीं टीआरएस के नेता केटी रामराव ने ट्वीट कर कहा कि मुझे यकीन है कि मीडिया इस पर चर्चा नहीं करेगा, लेकिन क्या ईडी-सीबीआई और सेबी को अडानी के फ्रॉड की जाँच करने का दम है?
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
















