झारखंड में निजीकरण के विरोध में खदान मजदूरों का प्रदर्शन

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2 फरवरी। झारखंड में सेल, बीएसएल की गुवा लौह अयस्क खदान प्रबंधन द्वारा खदान का उत्पादन समेत तमाम महत्त्वपूर्ण कार्यों का ठेका आगामी 23 वर्षों के लिए एमडीओ (माइंस डेवलपर एंड ऑपरेटर) जैसी बाहरी प्राइवेट कंपनी को दिये जाने की खबर से नाराज गुवा खदान के तमाम मजदूर संगठनों ने संयुक्त मोर्चा के बैनर तले जनरल ऑफिस का घेराव किया। इस दौरान यूनियन नेता और सेलकर्मी सेल प्रबंधन के विरोध में गगनभेदी नारा लगाते रहे। गुवा खदान के प्राइवेटाइजेशन को लेकर गुवा खदान के सेलकर्मियों में भारी आक्रोश व उबाल है।

आंदोलन में शामिल झारखंड मजदूर संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष रामा पांडेय ने मीडिया के हवाले से बताया कि गुवा जैसी पब्लिक सेक्टर की खदानों को विशेष रणनीति व योजना के तहत केन्द्र सरकार अपने चहेते अडानी, अंबानी, एनसीसी, रश्मी मैटेलिक आदि पाँच बड़ी कंपनियों में से किसी एक को बड़ी लाभ पहुँचाने हेतु उन्हें देना चाह रही है। ये कंपनियां सिर्फ अपने लाभ के बारे में सोंचेगी, खदान के श्रमिकों व आसपास गाँव के बेरोजगारों को रोजगार व विकास के बारे में कभी नहीं सोचेंगी। सेल एक पब्लिक सेक्टर खदान है। लेकिन सेल प्रबंधन केन्द्र सरकार के साथ मिलकर इस खदान को प्राइवेट ठेका कंपनी के हाथों सौंपकर खदान का उत्पादन से लेकर माल ढुलाई का कार्य करना चाहती है। गुवा खदान के प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ हम सभी मिलकर आखिरी दम तक लड़ाई लडे़ंगे।

(‘मेहनतकश’ से साभार)

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