5 फरवरी। पाकिस्तान के व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष(आईएमएफ) की शर्तों को पूरा करने के लिए नए सिरे से कर लगाती है, तो वे देशव्यापी विरोध शुरू कर देंगे। साथ ही माँग की है कि सरकार इसके बजाय सेना के जनरलों, न्यायाधीशों और सांसदों के वेतन में कटौती करे। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के मरकजी तंजीम ताजिरन(व्यापारियों का केंद्रीय संगठन) के प्रतिनिधियों ने मीडिया के हवाले से बताया कि अगर नए कर लागू किए गए तो वे 13 फरवरी से पूरे देश में एक विरोध आंदोलन शुरू करेंगे। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, संगठन के नेताओं ने शासकों को चेतावनी दी, कि देश की आर्थिक स्थिति ने आम जनता और व्यापारिक समुदाय पर अधिक कर्तव्यों का बोझ डालने के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी है।
देशबंधु की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने इस बात पर निराशा व्यक्त की है कि एक परमाणु शक्तिसंपन्न देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति गंभीर रूप से खराब है, और प्रत्येक बीतते दिन के साथ स्थिति बिगड़ती जा रही है। इस देश के नेताओं द्वारा किए गए दोषों या अपराधों का खमियाजा जनता को नहीं भुगतना चाहिए। संगठन के अध्यक्ष काशिफ चौधरी ने मीडिया के हवाले से बताया कि अगर अरबों रुपये के और कर लगाए गए, तो हमारी प्रतिक्रिया गंभीर होगी। वे अर्थव्यवस्था में सुधार करना चाहते हैं, तो सत्तारूढ़ अभिजात वर्ग सहित हितधारकों से उचित निर्णय लेने के लिए कहें। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विधायकों, न्यायाधीशों, सेना के अधिकारियों और नौकरशाहों पर होने वाले खर्चे में कमी की माँग करते हुए चौधरी ने कहा कि सरकार को सभी गैर-उत्पादक खर्चे में तुरंत आधी कटौती करनी चाहिए।
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