बजट में मनरेगा राशि में कटौती के विरोध में प्रदर्शन

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6 फरवरी। वित्तवर्ष 2023-24 के बजट में मनरेगा के लिए आवंटन में 14% की कटौती किये जाने को लेकर राजस्थान के झुंझुनूं, झारखंड के सोनुआ सहित देश के अन्य जगहों के मनरेगा मजदूरों ने विरोध जताया है। बड़ी संख्या में मनरेगा मजदूरों ने एकजुट होकर मनरेगा को समाप्त करने की साजिश करार देते हुए प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। मनरेगा मजदूरों ने इसे मोदी सरकार के द्वारा मनरेगा को समाप्त करने की सोची-समझी साजिश बताया। मजदूरों ने मीडिया के हवाले से कहा कि मनरेगा में बजटीय कटौती करना गलत है। मनरेगा गरीब मजदूरों का रोजगार का साधन है। लेकिन केंद्र सरकार मनरेगा को बढ़ावा देने के बजाय उसके बजट में कटौती करते हुए उसे खत्म कर देना चाहती है।

‘मनरेगा मजदूर संघर्ष समिति’ के सदस्य कपिल ऐचरा ने दैनिक भास्कर के हवाले से बताया, कि मनरेगा गरीब मजदूरों के रोजगार का साधन है, इसमें कटौती करना गलत है। विगत दो वर्षों में मनरेगा बजट को 90000 करोड़ रुपए से 60000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा, कि केंद्र सरकार मनरेगा को बढ़ावा देने की बजाय उसे खत्म करने की सोच रही है। इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बडे़ स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। वहीं मनरेगा पर बजट कटौती के मुद्दे पर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी कर बताया है, कि योजना के लिए अतिरिक्त फंड की आवश्यकता होने पर वित्त मंत्रालय से फंड उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाता है।

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