9 फरवरी। उत्तर प्रदेश में गरजते बुलडोजर राज का एक मामला फिर सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोंडा जिले के तरबगंज क्षेत्र के खेमीपुर गाँव के बाशिंदों ने दशकों से बसी हुई दलित बस्ती को उजाड़ने का आरोप लगाया है। दलित परिवारों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन द्वारा बिना नोटिस दिये ही यह दमनात्मक कार्रवाई की गई है। वहीं इस मामले में प्रशासन का कहना है, ग्राम समाज की भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर बस्ती बसी थी। गाँव के ही एक व्यक्ति की शिकायत पर तहसीलदार पुष्कर मिश्रा के नेतृत्व में तहसील प्रशासन ने जमीन पर कब्जा किए लोगों से सामान हटाने को कहा, तो महिलाओं और युवकों ने विरोध शुरू कर दिया। बस्तीवासियों ने कहा, कि जमीन दलित आबादी की है। वे सब वर्षों से इस जमीन पर काबिज हैं। जिसका मुकदमा भी अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) गोंडा के न्यायालय में चल रहा है।
‘मूकनायक’ की रिपोर्ट के मुताबिक, दलितों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए तहसीलदार अतिरिक्त फोर्स मँगाकर जेसीबी से अतिक्रमण हटवाने लगे। इसको लेकर दलितों और अधिकारियों के बीच लगभग दो घंटे तक तकरार चलती रही। वहीं ग्रामीणों का आरोप है, बिना नोटिस दिए ही अतिक्रमण हटाने आई टीम ने महिलाओं से अभद्रता की। इस दौरान प्रशासन की टीम ने छप्पर और अन्य वस्तुओं में आग लगा दी। देखते ही देखते आग ने कई छप्परों को अपने आगोश में ले लिया। वहीं इस मामले में एसडीएम तरबगंज ने सरकारी भूमि के चारों तरफ खाली कराकर खंभे गड़वाने और तार लगवाने के निर्देश दिए। उपद्रव करने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया।