छुट्टा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए खेतों में रात बिताने को मजबूर उप्र के किसान

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18 फरवरी। उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशु (निराश्रित गोवंश) किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन गए हैं। किसान इससे निपटने के लिए रातों को अपने खेत की रखवाली कर रहे हैं। वर्ष 2019 की पशुगणना के मुताबिक, पूरे भारत में 53,57,00000 पशु हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने निराश्रित गोवंश से निपटने के लिए गाँव-गाँव गौशाला बनवाने का ऐलान किया है। बीते जनवरी महीने तक उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदेश में छोटे बड़े मिलाकर 6,507 गो आश्रय स्थल हैं, जिनमें 10,18,615 गोवंश संरक्षित हैं।

वहीं 1,61,000 गोवंश मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत पशुपालकों को दिए गए। जिसके लिए प्रति पशु ₹30 प्रतिदिन मिलते हैं। बावजूद इसके प्रदेश के ज्यादातर जिलों में छुट्टा पशु किसानों के लिए समस्या बने हुए हैं। किसान दिन-रात खेतों की रखवाली कर रहे हैं। विभिन्न रिपोर्टों के मुताबिक खेतों में रखवाली करते हुए झांसी और उन्नाव समेत कई जिलों में किसानों की मौत भी हुई है। किसानों ने आरोप लगाया है, कि अगर छुट्टा पशु गौशाला में बंद हैं, तो फिर उनके खेतों को कौन तबाह कर रहा है?

(‘इंडियास्पेंड’ से साभार)

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