अडानी की कंपनियों में एलआईसी को 50,000 करोड़ का चूना लगा

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24 फरवरी. एलआईसी को अडानी समूह में किए गए अपने निवेश पर 49,728 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।

बिजनेस स्टैंडर्ड ने गणना करके बताया है कि जीवन बीमा निगम अडानी का सबसे बड़ा संस्थागत निवेशक है और उसे बीते 50 दिनों में भारी झटका लगा है।

जब 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई तो उसके बाद अडानी के शेयरों की कीमत अबतक 80 प्रतिशत गिर चुकी है।

दरअसल, एलआईसी ने अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स, अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन और अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी में भारी पैसा लगाया है।

बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, 31 दिसंबर 2022 तक अडानी ग्रुप की इन सातों कंपनियों में एलआईसी के निवेश का बाजार मूल्य 82,970 करोड़ रुपये था, जो 22 फरवरी 2023 को 33,242 करोड़ रुपये रह गया।

यानी एलआईसी के बाजार मूल्य में करीब 50,000 करोड़ रुपये की कमी आयी।

अखबार के मुताबिक, ये आंकड़े 31 दिसंबर, 2022 तक अडानी के शेयरों के बाजार मूल्य और वर्तमान बाजार मूल्य के अंतर पर आधारित हैं।

इससे पहले 30 जनवरी को एलआईसी ने बाजार नियामक सेबी को बताया था कि उसने अडानी ग्रुप की कंपनियों के 30,127 करोड़ के शेयर खरीदे थे, जिनकी क़ीमत 27 जनवरी तक 56,142 करोड़ रुपये थी।

एलआईसी ने ये भी बताया कि 30 जनवरी तक उसने अडानी की कंपनियों में कुल 36,474 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

इसका मतलब ये है कि जब अडानी के शेयर बेतहाशा नीचे गिर रहे थे एलआईसी कंपनी ने 28-30 जनवरी के बीच करीब 6,347 करोड़़ रुपये और लगाए थे।

एलआईसी में आम गरीब और मजदूर और मेहनतकश लोगों के जीवनबीमा के पैसे लगे हैं। विपक्ष का आरोप है कि मोदी की नजदीकी की वजह से इस सरकारी कंपनी ने अडानी की कंपनियों में निवेश किया था।

एलआईसी को लगे इस झटके के बाद सोशल मीडिया पर अडानी पर जेपीसी जाँच की मांग तेज हो गयी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने ट्विटर अकाउंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

खरगे ने लिखा है कि एलआईसी को हुए इतने बड़े नुकसान के बाद एलआईसी के 29 करोड़ पालिसी धारकों और लाखों खुदरा निवेशकों के करीब ₹50,000 करोड़ डूब गए हैं।

उन्होंने यह भी लिखा है कि “पर “परम मित्र” के “सेवक” बने मोदी जी चुप्पी नहीं तोड़ेंगे ! श्रीमान “प्रधान सेवक” जी, अगर देश की आम जनता की रत्ती भर भी फिक्र है तो JPC जॉंच करवाएँ।”

गौरतलब है कि 24 जनवरी को अमेरिका मूल की एक शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी कर अडानी ग्रुप के खिलाफ कई आरोप लगाए थे, जिसमें स्टॉक मैनिपुलेशन जैसी गंभीर आरोप शामिल हैं। इसके बाद अमीरों की लिस्ट में तीसरे स्थान पर रहे गौतम अडानी 20वें पायदान से भी नीचे चले गए। उनका अरबों डॉलर मार्केट में स्वाहा हो चुका है। इस रिपोर्ट के बाद से देश की विपक्षी पार्टियां अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच की मांग कर रही हैं।

अडानी को अबतक करीब 80 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है और उनकी संपत्ति 42,000 करोड़ रुपये रह गई है। अब वे दुनिया के दूसरे नंबर के अमीर के बजाय 26वें नंबर के अमीर रह गए हैं।

(वर्कर्स यूनिटी से साभार)

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