3 मार्च। श्रीलंका की ट्रेड यूनियनों ने सरकार द्वारा टैक्स और उपयोगिता दरों में बढ़ोत्तरी के विरोध में देशव्यापी हड़ताल की, जिसकी वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। साथ ही बैंकिंग, एयरपोर्ट, बंदरगाह जैसे प्रमुख सेक्टरों की सेवाएं भी बाधित हो गईं। विदित हो, कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने देश के हालात सुधारने के लिए टैक्स की दरों में बढ़ोत्तरी की थी, ट्रेड यूनियनों ने यह आदेश वापस लेने की माँग की है। हालांकि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अभी तक इस आदेश को वापस नहीं लिया है।
श्रीलंका सरकार ने 1 जनवरी से टैक्स बढ़ाना शुरू किया था। माना जा रहा है कि आईएमएफ के दबाव के चलते टैक्स बढ़ाया गया है। शिक्षक ट्रेड यूनियन के प्रवक्ता जोसेफ स्टालिन ने जागरण न्यूज के हवाले से कहा कि शिक्षकों ने काली पट्टी बाँधकर सरकार के इस कदम का विरोध किया, जबकि यूनिवर्सिटी टीचर्स फेडरेशन के चरुका इलांगसिन्हा ने कहा कि सरकार टैक्स बढ़ोत्तरी को जब तक वापस नहीं लेती, तब तक हड़ताल का सहारा लिया जाएगा।
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