9 मार्च। जम्मू एवं कश्मीर सेवा चयन बोर्ड की ओर से विभिन्न पदों पर लिखित परीक्षा आयोजित करने के लिए पहले से ही ब्लैकलिस्टेड कंपनी ऐपटेक से अनुबंध करने के खिलाफ अभ्यर्थियों ने प्रेस एनक्लेव पर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने कंपनी पर कदाचार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उसके अनुबंध को रद्द करने की माँग की। इनमें से कुछ अभ्यर्थियों ने सरकार विरोधी नारे भी लगाये। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया। जम्मू -कश्मीर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर डंडे बरसाये और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया।
जेकेएसएसएसबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया के हवाले से बताया कि प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि ऐपटेक को अनुबंध देने का मामला अदालत में विचाराधीन है। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी को केंद्र सरकार और जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन के दिशा-निर्देशों के तहत अनुबंध दिया गया है, और इसने काली सूची में डाले जाने की तीन साल की अवधि को पिछले साल पूरा कर लिया है। वहीं इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि “मैं छात्रों और जेकेएसएसबी उम्मीदवारों के खिलाफ बल प्रयोग और लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ।”
ये युवा जेकेएसएसआरबी द्वारा ब्लैकलिस्टेड फर्म ऐपटेक को शामिल करने के हालिया फैसले के विरोध में अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस घोटाले में शामिल अधिकारियों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। यह सरकार लोगों से नौकरियां छीनने की पूरी कोशिश कर रही है। नौकरी के इच्छुक लोगों के खिलाफ बलप्रयोग दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। उन्होंने आगे कहा कि फर्जी ब्लैकलिस्टेड कंपनी को बनाए रखने का जेकेएसएसबी का फैसला बताता है कि जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार कितना गहरा है। इसके लिए जिम्मेदार सरकारी बाबू जम्मू-कश्मीर के युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने की कीमत पर अपने पदों का मज़ा ले रहे हैं।