किसान संघर्ष समिति की 303वीं किसान पंचायत संपन्न
20 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली किसान महापंचायत में बड़ी संख्या में शामिल होने का लिया फैसला
किसान नेताओं ने की गौतम अडानी की गिरफ्तारी और अडानी अंबानी की संपत्ति का राष्ट्रीयकरण करने की मांग
मध्य प्रदेश के किसान नेताओं ने सरकार से फसल बीमा के प्रीमियम राशि भरने की मांग की
किसान नेताओं ने सभी राज्य सरकारों से किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपए आर्थिक सहयोग देने की मांग की
लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए विपक्षी दल किसान संगठनों और श्रमिक संगठनों के साथ रणनीति बनाएं
12 मार्च. किसान संघर्ष समिति द्वारा आयोजित 303वीं किसान पंचायत किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम की अध्यक्षता में संपन्न हुई। किसान पंचायत में आगामी 20 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली किसान महापंचायत में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने का निर्णय लिया गया। दूसरा महत्त्वपूर्ण निर्णय 23 मार्च को शहीद भगतसिंह के शहादत दिवस एवं डॉ राममनोहर लोहिया के जन्म दिवस के अवसर पर जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय के आह्वान पर देश भर में मोदानी महाघोटाले के मुख्य आरोपी गौतम अडानी की गिरफ्तारी, घोटाले की जेपीसी से जांच कराने तथा अडानी, अंबानी की संपत्ति का राष्ट्रीयकरण करने की मांग को लेकर जिला स्तर पर विरोध कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
बिहार से अखिल भारतीय किसान महासभा के रा.महासचिव एवं पूर्व विधायक राजाराम सिंह, पंजाब से पंजाब किसान यूनियन के महासचिव गुरनाम सिंह भिखी, हरियाणा से अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, कर्नाटक से रायुथु स्वराज्य वेदिका के किरण कुमार विस्सा, बिहार से उत्तर बिहार संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष प्रो.आनन्द किशोर, छत्तीसगढ़ से अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही, गुजरात से किसान अधिकार मंच के भरतसिंह झाला, भोपाल से अ.भा किसान सभा (अजय भवन) के प्र.महासचिव प्रहलाद दास वैरागी, रीवा से संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक एडवोकेट शिवसिंह, सागर से भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप ठाकुर, इंदौर से किसान संघर्ष समिति के इंदौर संभाग के संयोजक रामस्वरूप मंत्री, बड़वानी से नर्मदा बचाओ आंदोलन से मुकेश भगोरिया एवं भगवान सिंह, सिवनी से किसान संघर्ष समिति के जबलपुर संभाग संयोजक राजेश पटेल ने किसान पंचायत को संबोधित करते हुए किसानों से बड़ी संख्या में दिल्ली कूच करने की अपील की।
पंजाब के किसान नेता गुरनाम सिंह भिखी ने कहा कि पंजाब की जत्थेबंदियों ने फिर से एकजुट होकर बड़ी संख्या में दिल्ली कूच करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चिंता यह है कि पंजाब की युवा पीढ़ी रोजगार की तलाश में बड़े पैमाने पर विदेश जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों ने जिस तरह 380 दिन तक दिल्ली को घेरकर आंदोलन चलाकर केंद्र की अड़ियल सरकार को झुकाया था, उसी तरह पंजाब के किसान संगठन फिर एकजुट होकर दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं।
कर्नाटक के किसान नेता किरण विस्सा ने बताया कि प्रदेश में तेलंगाना सरकार द्वारा 10,000 रुपये प्रति एकड़ का आर्थिक सहयोग दिए जाने को लेकर चर्चा हो रही है लेकिन लोगों को यह जानकारी नहीं है कि सरकारों ने फसल बीमा योजना तथा राजस्व मुआवजा जैसी तमाम योजनाओं को बंद कर दिया है।
छत्तीसगढ़ के किसान नेता तेजराम विद्रोही ने कहा कि चुनाव के मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार ने 2800 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी और 9000 रुपये प्रति एकड़ आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है लेकिन छत्तीसगढ़ के किसान चाहते हैं संपूर्ण कर्जा मुक्ति और एमएसपी पर खरीदी की कानूनी गारंटी मिले।
गुजरात के किसान नेता भरतसिंह झाला ने कहा कि गुजरात के किसानों को फसल बीमा की राशि नहीं दी जा रही है तथा जिन किसानों ने आत्महत्या की है उनके परिवार को आर्थिक सहायता भी नहीं दी जा रही है। जब भी कोई आंदोलन की घोषणा की जाती है तो सरकार नेताओं के घर पर पुलिस का पहरा लगा देती है।
बिहार के किसान नेता राजाराम सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन अब निर्णायक दौर में पहुंच गया है। अब सभी संगठनों को पूरी ताकत लगाकर सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने की जरूरत है।
बिहार से किसान नेता प्रोफेसर आनंद किशोर ने बिहार में मंडी व्यवस्था लागू कराने, गन्ना किसानों की बकाया राशि के भुगतान कराने के लिए व्यापक आंदोलन की जरूरत बतलाई।
मध्यप्रदेश के किसान नेताओं ने कहा कि मप्र सरकार ने किसान कल्याण योजना के नाम पर किसानों को गुमराह किया है। किसी भी किसान को इस योजना का लाभ यानी प्रतिवर्ष 4000 रुपये नहीं मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज़ का ब्याज भरने की घोषणा सरकार ने पिछले साल भी विधानसभा में की थी, इस वर्ष भी बजट भाषण में वही घोषणा दोहरायी गई है। सरकार अब लाड़ली बहना योजना के नाम पर महिलाओं को लुभाने का काम कर रही है। जबकि उसकी शर्तें इतनी कड़ी हैं कि 25 प्रतिशत महिलाओं को भी इस योजना का लाभ नहीं मिलने वाला है।
मप्र के किसान नेताओं ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में हाल ही में वृष्टि और ओलावृष्टि से रबी की फसलें नष्ट हुई हैं। फसलों का सर्वे कराकर राजस्व मुआवजा और फसल बीमा का अविलंब भुगतान किया जाना चाहिए। किसान नेताओं ने किसानों की फसल बीमा योजना का प्रीमियम सरकार द्वारा जमा करने की मांग भी की।
किसान नेताओं ने घोटालेबाज अडानी को गिरफ्तार करने की बजाय विपक्ष के नेताओं को सीबीआई, ईडी और आईटी के माध्यम से प्रताड़ित करने और गिरफ्तार करने की निंदा की।
किसान पंचायत को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि सरकार ने अडानी अंबानी को 10 लाख करोड़ की छूट दी थी। उन्होंने ही देश के करोड़ों शेयर धारकों को अरबों का नुकसान पहुंचाया है। यदि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट प्रामाणिक नहीं होती तो 155 अरब डॉलर का मालिक 40 अरब डॉलर तक नहीं पहुंचा होता।
डॉ सुनीलम ने कहा कि देश के विपक्षी राजनीतिक दलों को किसान संगठनों, मजदूर संगठनों के साथ मिलकर सतत संघर्ष की रणनीति बनानी चाहिए ताकि लोकतंत्र और संविधान को बचाया जा सके।
– भागवत परिहार