16 मार्च। बीते 6 मार्च को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पिछले छह साल में राज्य में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है। लेकिन ‘फैक्टचेकर वेबसाइट’ की एक रिपोर्ट में सरकारी आँकड़ों का हवाला देते हुए बताया गया है कि वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2021 तक 398 किसानों और 731 खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। वहीं एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक भी वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2021 तक 398 किसानों ने तथा 731 खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है।
फैक्टचेकर की रिपोर्ट पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है। खेती-किसानी के मामलों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ मानते हैं कि किसानों की आत्महत्या का मसला बेहद जटिलताओं से भरा है। आर्थिक, सामाजिक कारणों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन भी इन आत्महत्याओं की एक बड़ी वजह है। लेकिन कर्ज इन आत्महत्याओं के पीछे एक बड़ा कारण रहा है।