24 मार्च। उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों पर हड़ताल के दौरान की गयी निष्कासन, निलम्बन और एफआईआर की दमनात्मक कार्रवाइयां ऊर्जामंत्री के निर्देश के बावजूद वापस न लिये जाने पर राज्य सरकार के विभागों, निगमों, निकायों व विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघों ने बिजली कर्मचारियों के उत्पीड़न के विरोध में 24 मार्च को राजधानी लखनऊ में एक विशाल प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने विगत 3 दिसंबर को हुए समझौते को तत्काल लागू करने की माँग की। इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी को एक ज्ञापन भी भेजा गया।
कर्मचारियों ने मीडिया के हवाले से बताया कि 19 मार्च को ऊर्जामंत्री और ‘विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति’ ने संयुक्त प्रेसवार्ता कर चेयरमैन देवराज को स्पष्ट निर्देश दिये थे कि आन्दोलन व हड़ताल के दौरान की गयी निष्कासन, निलम्बन और एफआईआर की सभी कार्रवाई को वापस लें। लेकिन बिजली विभाग द्वारा अभी तक इस मामले पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न समाप्त नहीं किया गया, तो साझा मंच और कठोर कार्रवाई करने को बाध्य होगा। इसमें प्रदेश के सभी 18 लाख कर्मचारी आंदोलन में शामिल होंगे।