आज गैरभाजपावाद की जरूरत है – लोकतंत्र बचाओ समागम

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30 मार्च। रॉंची में 21-22 मार्च को लोकतंत्र बचाओ समागम का आयोजन हुआ था जिसमें झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िशा जैसे कई राज्यों से जनसंगठनों के प्रतिनिधि और अन्य सरोकारी नागरिक शामिल हुए थे। समागम का समाचार पहले ही समता मार्ग पर प्रकाशित हो चुका है। हमारे लोकतंत्र पर मॅंडरा रहे अपूर्व संकटों के मद्देनजर रांची में हुए लोकतंत्र बचाओ समागम में प्रतिकार का एक साझा अभियान चलाने का निर्णय लिया गया था। इस आम सहमति और निर्णय को लोकतंत्र बचाओ समागम ने ‘रॉंची संकल्प’ के नाम से जारी किया है जो इस प्रकार है –

राँची संकल्प

इस समागम के हम सब भागीदार हिन्दू राष्ट्र की फासिस्ट अवधारणा को खारिज/नामंजूर करते हैं। हम सब हिन्दू राष्ट्र की राजनीति और संस्कृति के खिलाफ लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, विविधता, सर्वनागरिक समता जैसे मानदंडों पर आधारित भारत की हिफाजत और नवनिर्माण का संघर्ष लगातार जारी रखेंगे।

हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा ब्राह्मणवादी जातीय वर्चस्व और राजनीतिक निरंकुशता की अवधारणा है। जातिवाद से पीड़ित-प्रताड़ित समुदाय भी इस छद्म हिन्दूवाद के चंगुल में फँसते जा रहे हैं। इस फाँस से मुक्त होने की विशेष रणनीति विकसित करेंगे और क्रियान्वित करेंगे।

आज सामाजिक न्याय, विशेष अवसर, आरक्षण जैसे विचार और उपायों को कमजोर किया जा रहा है। विविधताओं के ताने-बाने को तोड़ा जा रहा है। नफरत और हिंसा का सांस्कृतिक वातावरण रचा जा रहा है। हम सब शांतिमय तरीकों से न्यायपूर्ण शांतिमूलक समाज बनाने के प्रति प्रतिबद्ध लोग सामाजिक न्याय, विविधता और सहभागिता के अधिकारों और अवसरों पर आक्रमण करनेवाली वर्चस्ववादी शक्तियों को बेअसर करके रहेंगे ।

हिन्दू बहुसंख्यकवाद के मनोभाव को उकसाते हुए धार्मिक राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक विस्तारवाद की मौजूदा सत्ता विविधता/बहुलता का नाश कर निरंकुश एकरूपता थोपने पर उतारू तो है ही। साथ ही यह पूरी अर्थव्यवस्था को अपने चन्द मित्रों के एकाधिकार के हवाले कर रही है। चन्द लोगों को महाअमीरी और बाकी को कंगाली में धकेल रही है। यह अबतक की सबसे ज्यादा भ्रष्ट सत्ता है, जो हर मानदंड तोड़कर अपने मित्रों को सार्वजनिक सम्पदा सौंप रही है। सार्वजनिक फंडों को भी निजी बना रही है। अपारदर्शी तरीके और अवैध तरीके से अपनी पार्टी के लिए धन उगाह रही है।

दवाई, पढ़ाई, कमाई और महंगाई के मुद्दों पर लड़ते हुए हम सब इस सत्ता के सारे भ्रष्ट आचार और मोदी अडाणी भ्रष्टजोड़ का परदाफाश करते रहेंगे।

यह समागम 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने हेतु अभी से सामाजिक-राजनीतिक अभियान चलाने का निश्चय करता है।

आज रणनीतिक तौर पर गैरभाजपावाद का राजनीतिक दौर आ गया है। गैरभाजपा दलों के बीच सामंजस्य समय की माँग है। भाजपा को हराने के लिए तमाम गैरभाजपा दलों का एक विपक्षी उम्मीदवार एक राष्ट्रीय राजनीतिक जिम्मेवारी बन गयी है। यह समागम निश्चय करता है कि इसके पक्ष में वातावरण बनायेंगे, व्यापक नैतिक जनदबाव खड़ा करेंगे। यह समागम गैरभाजपाई दलों से आग्रह करता है कि वे विपक्षी वोटों के बिखराव को रोकें। समागम दलों से यह आह्वान भी करता है कि वे साम्प्रदायिक बहुसंख्यकवाद का स्पष्ट विरोध करते हुए बुनियादी जनमुद्दों को केन्द्र में रखते हुए अपना राजनीतिक अभियान चलायें।

इस समागम में विविध प्रांतों एवं अंचलों से आए हम सभी सहभागी लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा विरोधी अभियान को चलाने हेतु आपसी संवाद और सहयोग करते रहेंगे।

यह समागम ओड़िशा और प. बंगाल में स्वतंत्र प्रांतीय समागम की जरूरत समझता है। और इस दिशा में कोशिश और मदद करने की मानसिकता जाहिर करता है।

पूरे झारखंड के हर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक सम्पर्क सह संवाद यात्रा करने का निर्णय लिया लेता है। हर क्षेत्र में भाजपा-विरोधी चुनावी भूमिका के तहत समूहों और शक्तियों की बैठक करने की कोशिश करेगा।

समागम में आए विविध क्षेत्रों के साथियों से विमर्श कर शीघ्र ही 2024 में सघन भाजपा-विरोधी अभियान चलाने के लिए कुछ लोकसभा क्षेत्रों को चिह्नित किया जाएगा। (नोट : जमशेदपुर, चाईबासा, राँची, पलामू, चतरा, खूँटी ऐसे संभावित क्षेत्र हैं। चर्चा का दौर चलाकर अन्य क्षेत्र भी चिह्नि किये जाएंगे।)

इन सारे संकल्पों को प्रचारित करने तथा निर्णयों और कार्यक्रम सम्बन्धी सहमतियों को क्रियान्वित करने के लिए लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान की राष्ट्रीय कोर कमिटी के झारखंड के साथियों, झारखंड जनधिकार महासभा के कोर कमिटी सदस्यों तथा अन्य इच्छुक साथियों की संयुक्त टीम काम करेगी ।

– लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान
झारखंड जनाधिकार महासभा

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