कोयला खदान विस्तारीकरण के लिए पेड़ों की कटाई के विरोध में ग्रामीणों का प्रदर्शन

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13 अप्रैल। धनबाद स्थित बीसीसीएल के पुटकी-बलिहारी क्षेत्र में कोयला खदान विस्तार के लिए हजारों की संख्या में पेड़ों को काटने पहुँची कंपनी की टीम को ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। इलाके की सैकड़ों महिलाएं पेड़ों से चिपक गईं। उन्होंने साफ कह दिया कि एक भी पेड़ कटने नहीं दिया जाएगा। नतीजतन कंपनी की टीम को बैरंग लौटना पड़ा। विदित हो, कि बीसीसीएल ने पुटकी-बलिहारी क्षेत्र में डीएवी अलकुसा स्कूल के सामने 25 हेक्टेयर भूमि एक प्राइवेट कंपनी एसटीजी एसोसिएट्स को ओपन कास्ट पैच वर्क के लिए अलॉट किया है। इस पैच से 3.15 लाख टन कोयले का उत्पादन होना है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पैच को शुरू करने के लिए कुल 1705 पेड़ों की कटाई की जानी है। इनमें से 329 पेड़ों को ट्रांसप्लांट किये जाने का फैसला लिया गया है। जब कोलियरी प्रबंधन की टीम पेड़ काटने पहुँची, तो ‘पर्यावरण बचाओ संघर्ष मोर्चा’ के लोग और स्थानीय महिलाएं जुट गईं। वे पेड़ों से चिपक गईं, और बीसीसीएल के खिलाफ नारेबाजी करने लगीं। इस मामले पर बीसीसीएल ने कहा है, कि खदान के विस्तार के लिए पेड़ों को काटने की मंजूरी ली गई है। प्रबंधक अभिराज ने कहा, कि जितने पेड़ काटे जाएंगे, उसकी तुलना में 10 गुना नए पेड़ लगाये जाएंगे या फिर इसकी रकम वन विभाग को दी जाएगी। बीसीसीएल अधिकारियों के मुताबिक, पेड़ काटने का विरोध वही लोग कर रहे हैं, जो लोग अतिक्रमण कर घर बना लिये हैं। दूसरी ओर, ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ काटे जाने से इलाके के पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा।

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