20 अप्रैल। मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित माँ शारदा देवी मंदिर के ट्रस्ट में काम करने वाले मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने का आदेश धर्मस्व विभाग द्वारा जारी किया गया है। धर्मस्व विभाग द्वारा जारी पत्र में मैहर शहर में मांस और शराब की बिक्री पर भी रोक लगाने के लिए कहा गया है। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। विभाग द्वारा जारी इस आदेश से विगत तीन दशक से मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों के रूप में मंदिर की सेवा कर रहे मुस्लिम कार्यकर्ता आबिद खान और अय्यूब खान की रोजी रोटी पर संकट आ जाएगा।
मध्य प्रदेश के आध्यात्मिक विभाग के मंत्री ने पत्र लिखकर सतना के जिलाधिकारी एवं शारदा माता मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष को निर्देशानुसार कार्रवाई करने और तीन दिनों के भीतर अपनी कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। जबकि वहीं इस आदेश को लेकर हिंदू संगठन अपनी जीत बता रहे हैं। जिसको लेकर अब विवाद खड़ा हो रहा है, क्योंकि मांँ शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के नियमों में कर्मचारियों की नियुक्ति में धर्म को आधार बनाए जाने का प्रावधान नहीं है।
आबिद ने ‘द क्विंट’ के हवाले से बताया कि मैं 1993 में ट्रस्ट में विभिन्न पदों के लिए भर्ती किए गए कुल 146 लोगों में से एकमात्र मुस्लिम था। तब से लगभग तीन दशक हो गए हैं, और मेरे खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं हुई। उन्होंने आगे कहा कि मंदिर की कानूनी टीम के लिए संबंधित क्लर्क के रूप में सहायता कर रहा हूँ। मैं उस समूह का हिस्सा नहीं हूँ, जो मंदिर में पूजा करता है, फिर भी कुछ लोग इलाके के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। मंदिर ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं के भी आपस में बहुत दोस्ताना संबंध हैं, लेकिन दक्षिणपंथी समूह इन परेशानियों का कारण बन रहे हैं।
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