28 अप्रैल। हरियाणा के गुड़गाँव में 6 महीने से मानदेय न मिलने से नाराज मिड-डे-मील कर्मियों ने अपनी विभिन्न माँगों को लेकर प्रदर्शन किया व खंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। सभी माँगों के पूरा होने तक आंदोलन जारी रखने के संकल्प के साथ प्रदर्शन का समापन किया।
प्रदर्शनकारियों ने मीडिया के हवाले से बताया कि सभी मिड-डे-मील कार्यकर्ता बेहद गरीब परिवारों की महिलाएँ हैं। केवल ₹7000 महीने मानदेय मिलता है, जो एक वर्ष में केवल 10 माह का ही दिया जाता है। ग्रीष्म व शीतकालीन अवकाश का वेतन नहीं दिया जाता। इससे बढ़ती महंगाई में घर चलाना बहुत मुश्किल है। तिस पर हमें विगत पाँच महीने से कोई मानदेय ही नहीं मिला। इस दौरान सभी त्योहार भी निकल गये। हम और हमारे बच्चे त्योहारों पर भी तरसते रह गये। परन्तु विभाग ने मानवता के नाते भी एक पैसा नहीं दिया। हम बहुत परेशान हैं, और सकंट में हैं। पूरे दिन स्कूल में काम करते हैं, इसलिए कहीं और मजदूरी भी नहीं कर सकते। हमारी आजीविका का एकमात्र स्रोत यही है।
प्रमुख माँगें
1) पिछले पाँच महीने का बकाया मानदेय तुरंत जारी किया जाए।
2) मानदेय का भुगतान हर महीने की सात तारीख तक नियमित रूप से किया जाए।
3) मानदेय पूरे 12 महीने का दिया जाए।
4) ग्रीष्म व शीतकालीन अवकाश का वेतन न काटा जाए।
5) हरियाणा सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन के बराबर मानदेय दिया जाए।
6) महंगाई के हिसाब से ड्रेस के बदले 600 रुपये के बजाय कम से कम 1500 रुपये का भुगतान किया जाए।
7) कम से कम 15 बच्चों पर एक मिड-डे-मील कुक की नियुक्ति की जाए।
8) रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष की जाए और रिटायर होने पर एकमुश्त कुछ आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
9) मिड-डे-मील कार्यकर्ताओं से स्कूल में बच्चों का खाना बनाने, परोसने व स्कूल रसोईघर के अलावा अन्य बेगार कार्य न करवाया जाए।