चंपा लिमये : पति मधु लिमये के लेखन कार्यों को प्रकाशित करते करते ही जिनका जीवन रीत गया! – दूसरी किस्त

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— विनोद कोचर —

चंपा जी का पत्र, दिनांक 21फरवरी 1995

श्री विनोद कोचर जी,
सप्रेम नमस्कार। मधुजी के आकस्मिक निधन से जो दुख का पहाड़ गिरा, उस गम को झेलने के लिए आपने हमें जो सांत्वना दी, हिम्मत दी, उसके लिए हम आपके आभारी हैं।

आपका स्नेह भविष्य में भी मिलता रहे, यही प्रार्थना।

आपके,
चंपा लिमये
अनिरुद्ध लिमये

आपका लेख और यादें मिलीं। धन्यवाद। अब ज्यादातर मैं बम्बई में ही रहूंगी।
आपकी,
चंपा मासी
—–
चंपा जी का पत्र दिनांक 20-11-1995

प्रिय श्री विनोद कोचर जी,
संभवतः आपको जानकारी होगी कि स्व. मधु लिमये की याद में एक न्यास का गठन किया गया है। न्यास का पंजीकरण हो चुका है और बैंक में खाता भी खुल चुका है।

न्यास के द्वारा स्व.मधु जी की लिखित पुस्तकें, उनके संसदीय कार्य पर पुस्तकें आदि प्रकाशित करने का प्रस्ताव है। इनके लगभग 20 खंड प्रकाशित होंगे। उनकी गोवा डायरी, जो उन्होंने गोवा जेल में 1955-57 के बीच लिखी थी, उनका पत्राचार, उनके गोवा पर लेख भी प्रकाशित किये जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालयों के उन प्रकरणों के बारे में, जिनमें उन्होंने स्वतः बहस की थी, उनका संग्रह प्रकाशित किया जाएगा। उनकी जन्मकथा का प्रथम खंड जो 15 अगस्त 1947 तक है, उसका मराठी से हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद प्रकाशित किया जाएगा तथा उनकी आत्मकथा के बाद के अधूरे हिस्से को भी पूरा किया जाएगा।

1मई 95, उनके जन्मदिन के अवसर पर उनके हिंदी लेखों का एक संकलन ‘भारतीय राजनीति का संकट’ प्रकाशित किया गया। 8 जनवरी 1996 जो उनकी प्रथम पुण्यतिथि होगी, उस अवसर पर उनके लेखों के दो संग्रह प्रकाशित किये जाएंगे। एक–भारतीय राजनीति के अंतर्विरोध (हिंदी मे) दो–‘आखिरी लेखन’ (अंग्रेजी में) — इन दोनों पुस्तकों का विमोचन कार्यक्रम लखनऊ में होगा। उनकी गोवा डायरी, गोवा से 18जून 96 को प्रकाशित की जाएगी, जो कि गोवा आजादी आंदोलन का स्वर्ण जयंती दिवस है। स्व. डॉ लोहिया ने 18 जून 1946 को मडगांव से आंदोलन का प्रारंभ किया था। उनके मराठी लेखों के तीन संग्रह बम्बई से प्रकाशित होंगे। उनके विचारों का संग्रह भी तैयार किया जा रहा है।

प्रतिवर्ष 1 मई को न्यास उनकी याद में स्मृति व्याख्यान आयोजित करेगा। प्रथम स्मृति व्याख्यान 1 मई 1996 को साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री यू आर अनंतमूर्ति देंगे।बाद में इसे पुस्तक के रूप में छापा जाएगा। प्रतिवर्ष विभिन्न क्षेत्रों के- साहित्य, राजनीति, इतिहास, अर्थशास्त्र, विज्ञान, संगीत, नाटक एवं नृत्य आदि के ख्यातिप्राप्त वक्ताओं को आमंत्रित किया जाएगा और भाषण प्रकाशित किये जाएंगे।

न्यास, शोध कार्यो के लिए कुछ ‘फेलोशिप’ भी देगा। मेरा आपसे अनुरोध है कि न्यास के इन कार्यों में सहयोग करने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करें।

कृपया उदारतापूर्वक दान दें तथा हमारी ओर से आपके मित्रजनों से भी अनुरोध करें।

आपके उत्तर की प्रतीक्षा में,
आपकी चंपा लिमये

(जारी)

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