2 मई। योगी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे बसे किसानों की भूमि को भारी उद्योग, टाउनशिप, सड़क आदि के लिए अधिग्रहण करने की योजना बनाई है। भूमि अधिग्रहण के लिए हुए सर्वे के विरोध में अंडिया इलाके के किसान गुस्से में हैं। इनके आंदोलन के चलते फिलहाल सर्वे का काम रुक गया है। भीषण गर्मी और हरहराती लू के बावजूद अंडिका बाग में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे, किसान मजदूर पंचायत में पहुँचे। दर्जनों गाँव के किसानों और किसान नेताओं ने हुंकार भरी। किसान नेताओं की ओर से पंचायत में ऐलान किया गया कि “जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे।”
आजमगढ़ जिले के सुम्माडीह, खुरचंदा, बखरिया, सुलेमापुर, अंडिका, छजोपट्टी व सुल्तानपुर के कलवारीबाग, भेलारा, बरामदपुर, सजमापुर के किसान अंडिका बाग में आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं। सुबह का काम निपटाकर औरतें हर रोज धरनास्थल पर पहुँच जाती हैं, और नारेबाजी करती हैं। आंदोलनरत औरतें बताती हैं कि मुआवजे के पैसे से जिंदगी नहीं कट सकती। सरकार हमारे हाथ में कटोरा थमाने के फिराक में है। धरना स्थल पर मौजूद 60 वर्षीया खरपत्ती देवी ने आरोप लगाया कि उनकी जमीनों को लूटने की गहरी साजिश चल रही है। वह कहती हैं, “हमारी धरती, गाँव की अमानत है।”