7 मई। रिहाई मंच से जुड़े लखनऊ हाईकोर्ट खंडपीठ के वरिष्ठ वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता मोहम्मद शोएब को रविवार की सुबह लखनऊ स्थित उनके घर से गिरफ्तार करने का मामला प्रकाश में आया है। शोएब के परिजनों के मुताबिक, पुलिस गिरफ्तार कर उनको कहाँ ले गयी, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। शोएब की पत्नी मलका बी ने अमीनाबाद थानाध्यक्ष को इस संबंध में एक तहरीर देकर उसपर तत्काल कार्यवाही की माँग की है। पुलिस को दी गयी तहरीर के मुताबिक, सुबह 7.15 बजे लगभग 12 लोग उनके लखनऊ के नया गाँव स्थित निवास पर आए। उनमें से कुछ व्यक्ति पुलिस की वर्दी में थे। वे लोग मोहम्मद शोएब को लेकर क्यों जा रहे हैं, और कहाँ जा रहे हैं, परिवार को कुछ नहीं बताया।
मलका बी ने कहा कि हमने उन लोगों को बताया भी, कि उनके पति की उम्र 75 वर्ष है और वह हृदय रोग और ब्लड प्रेशर के मरीज हैं। लेकिन उन लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उनकी गिरफ्तारी का कारण भी नहीं बताया। ‘भास्कर’ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी एटीएस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई से कनेक्शन के शक में रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब सहित 70 संदिग्धों को हिरासत में लिया है, और उनसे पूछताछ जारी है। गौरतलब है कि रिहाई मंच आजमगढ़ के खिरियाबाग में एयरपोर्ट के नाम पर किसानों की जमीन छीने जाने के विरोध में आंदोलन कर रहा है। इस आंदोलन में शामिल लोगों पर पुलिस-प्रशासन फर्जी मुकदमे दर्ज कर उनका उत्पीड़न कर रहा है। मानवाधिकार के मामले उठाने के कारण रिहाई मंच पहले से सरकार की आंख की किरकिरी रहा है। तमाम डराने धमकाने के बावजूद आंदोलन जारी रहा है। आजमगढ़ के आंदोलन के कारण रिहाई मंच से जुड़े लोग अब सरकार के सीधे निशाने पर आ गए हैं।
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