9 मई। इन दिनों ‘द केरला स्टोरी’ खूब चर्चा में है। कई राज्यों द्वारा इसे टैक्सफ्री कर दिया जा रहा है। इन्हीं खबरों के बीच एक हैरान कर देनेवाला आँकड़ा सामने आया है। विगत 5 वर्षों में गुजरात से 41,621 महिलाएं लापता हो गई हैं। इतने पर भी कहानी केरल की सुनाई जा रही है। प्रचार और चिंता केरल की है। देश के पीएम और गृहमंत्री के गृहराज्य गुजरात से 41,000 से अधिक महिलाएं गायब हो गई हैं, इस पर कोई चर्चा/चिंता नहीं है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आँकड़ों के मुताबिक, 2016 में 7,105; 2017 में 7,712; 2018 में 9,246 और 2019 में 9,268 महिलाएं लापता हुई हैं। 2020 में 8,290 महिलाओं के लापता होने की सूचना थी, जिसके बाद कुल संख्या 41,621 तक बढ़ जाती है।
संयोग से राज्य सरकार द्वारा 2021 में विधानसभा में दिए गए एक बयान के मुताबिक, अहमदाबाद और वडोदरा में ही एक साल(2019-20) में 4,722 महिलाएं लापता हो गई थीं। ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व आईपीएस अधिकारी और गुजरात राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य सुधीर सिन्हा ने कहा, कुछ लापता व्यक्तियों के मामलों में मैंने देखा है कि लड़कियों और महिलाओं को कभी-कभी गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में भेजा जाता है और वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता है। सिन्हा ने आगे कहा, कि गुमशुदा लोगों के मामलों की अक्सर पुलिस द्वारा अनदेखी की जाती है, क्योंकि उनकी जाँच ब्रिटिश काल के तरीके से की जाती है। वहीं इस मामले पर गुजरात के पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. राजन प्रियदर्शी ने कहा कि लड़कियों के लापता होने के लिए मानव तस्करी जिम्मेदार है।
(‘सबरंग इंडिया’ से साभार)