18 मई। संयुक्त किसान मोर्चा पश्चिम बंगाल ने बुधवार को कोलकाता के मौलाली में एक रैली की। रैली बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मॉंग को लेकर की गयी थी, जो एक नाबालिग समेत महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी हैं। रैली में संयुक्त किसान मोर्चा के विभिन्न घटक संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के अलावा महिलाओं, खिलाड़ियों, कामगारों तथा छात्रों-युवाओं के संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की।
प्रदर्शनकारियों ने महिला पहलवानों के साथ एकजुटता का इजहार किया, जो दिल्ली में जंतर मंतर पर 25 दिनों से धरने पर बैठी हैं और बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मॉंग कर रही हैं। रैली में वक्ताओं ने प्रधानमंत्री समेत बीजेपी के शीर्ष नेताओं की तरफ से बृजभूषण सिंह को मिल रहे समर्थन की निंदा करते हुए कहा कि यह महिलाओं की इज्जत का मसला है, पूरे देश को इन महिला खिलाड़ियों के समर्थन में उठ खड़े होना चाहिए जिन्होंने पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। रैली में बृजभूषण सिंह और उनकी बचाव कर रही बीजेपी की केन्द्र सरकार के पुतले भी फूॅंके गए।
पटना में रैली
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुधवार को पटना में जिला के प्रमुख किसान संगठनों ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले एक माह से प्रदर्शन कर रहे महिला पहलवानों के समर्थन में विरोध सभा आयोजित की।
सभा में वक्ताओं ने कहा कि जंतर मंतर पर धरने पर बैठी महिला पहलवानों के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया असंवेदनशील और शर्मनाक रही है। जहां केंद्रीय खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने मामले को दबाने की कोशिश की, वहीं भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने विरोध की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। इसके अलावा 3 मई की रात को पहलवानों पर की गई पुलिस की बर्बरता की घटना क्रूर और शर्मनाक है। उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गईं , जिनमें POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम की धारा 10 और POSH (यौन उत्पीड़न की रोकथाम) अधिनियम की धारा 354 A शामिल हैं। इस सबके बाद भी, आज तक बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने 30 अप्रैल की राष्ट्रीय बैठक में दिल्ली के जंतर-मंतर पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को अपना समर्थन दिया था। इसके बाद मोर्चा ने 6 मई को जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रदर्शनरत पहलवानों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान भी किया था। 7 मई को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एसकेएम के कई वरिष्ठ नेता, सैकड़ों किसानों के साथ, पहलवानों के समर्थन में जंतर-मंतर पहुँचे। एसकेएम ने 11 से 18 मई तक, राज्य राजधानियों, जिला मुख्यालयों और तालुका मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन भी आयोजित करने का आह्वान किया।
इसी क्रम में बुधवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा पटना के बुद्ध स्मृति पार्क पर एक प्रतिरोध सभा आयोजित की गयी।
इस कार्यक्रम में अ. भा. किसान महासभा के उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, केडी यादव, शिवसागर शर्मा और कृपानारायण सिंह, किसान सभा (जमाल रोड) के विनोद कुमार, राजेंद्र सिंह, अवधेश कुमार, ललन चौधरी, रणधीर यादव और सोना लाल प्रसाद , एआईकेएमकेएस के नंदकिशोर सिंह, जय किसान आंदोलन के ऋषि आनंद और अनूप सिन्हा, एआईकेकेएमएस के इंद्रदेव राय, अनामिका और सरोज कुमार सुमन, क्रांतिकारी किसान यूनियन के वीवी सिंह, बिहार किसान समिति के बलदेव झा, इफ्टू की आकांक्षा एवं मंटू कुमार , एडवा की रामपरी और ‘अघोषित आपातकाल विरोधी मोर्चा’ के अमलेंदु मिश्रा और दर्जनों आम नागरिक शामिल हुए।
इस प्रतिवाद सभा की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता के. डी. यादव ने की और संचालन बिहार राज्य किसान सभा के नेता सोनालाल प्रसाद ने किया।