22 मई। यूसीएल रिसर्चर के नेतृत्व में किये गए अध्ययन के मुताबिक, अगले पाँच वर्षों में पृथ्वी का औसत तापमान 1.5 डिग्री की सीमा को पार कर जाएगा। अगर धरती का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ता है, तो 15 फीसदी प्रजातियां खत्म हो जाएंगी। जैसे ही धरती का तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा बढ़ेगा, वैसे ही 30 फीसदी प्रजातियां खत्म हो जाएंगी। यूनिवर्सिटी ऑफ केपटाउन, यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो और यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट की शोध टीम ने जानवरों की 35,000 से अधिक प्रजातियों (स्तनधारियों, एम्फीबियन, रेप्टाइल, पक्षियों, कोरल, मछली, व्हेल और प्लैंकटन सहित) हर महाद्वीप की समुद्री घास के डेटा और महासागर बेसिन सहित 2100 जलवायु अनुमानों का विश्लेषण किया है।
शोधकर्ताओं ने जाँच की कि कब प्रत्येक प्रजाति की भौगोलिक सीमा के भीतर के क्षेत्र थर्मल एक्सपोजर की सीमा को पार कर जाएंगे, जिसे परिभाषित करते हैं। शुरुआती पांच वर्षों के रूप में, जहाँ तापमान हाल के इतिहास (1850-2014) में अपनी भौगोलिक सीमा में एक प्रजाति द्वारा अनुभव किए गए सबसे चरम मासिक तापमान से लगातार अधिक है वहीं संयुक्त राष्ट्र की संस्था विश्व मौसम संगठन ने हाल में अनुमान लगाया, कि अब से 2027 के बीच धरती का तापमान 19वीं सदी के मध्य की तुलना में सालाना 1.5 डिग्री से ज्यादा पर पहुँच जाएगा। यह सीमा महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2015 के पेरिस समझौते में इसी 1.5 डिग्री सेल्सियस औसत तापमान को दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक सीमा माना गया था, और विभिन्न देशों ने शपथ ली थी, कि इस सीमा को पार होने से रोकने के लिए कोशिश करेंगे।
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