सरकार आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के बजाय पीड़ितों को निशाना बना रही – स्वराज इंडिया

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29 मई। स्वराज इंडिया ने रविवार को पहलवानों के विरोध के खिलाफ दिल्ली पुलिस की दमनकारी कार्रवाई की निंदा की है। पहलवान एक महीने से अधिक समय से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में कार्रवाई की मॉंग कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने उनकी न्याय की दलीलों को नजरअंदाज कर दिया और आरोपी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने में विफल रही। उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए गए — जिसमें POCSO (यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा) अधिनियम की धारा 10 और POSH (यौन उत्पीड़न की रोकथाम) अधिनियम की धारा 354 ए शामिल हैं। फिर भी, आज तक गिरफ्तारी नहीं की गई है। इसके बजाय, सरकार ने मामले को दबाने और विरोध प्रदर्शनों को अवैध घोषित करने की कोशिश की।

रविवार को पहलवानों द्वारा बुलायी गयी महिला सम्मान महापंचायत को दिल्ली पुलिस द्वारा क्रूर दमन का सामना करना पड़ा। महापंचायत से पहले ही, दिल्ली की सीमाओं को बंद कर दिया गया और महापंचायत में शामिल होने से रोकने के लिए हजारों लोगों को हिरासत में लिया गया। पहलवानों के साथ मारपीट की गई और उन्हें हिरासत में ले लिया गया, और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। जंतर मंतर पर विरोध स्थल से उनके तंबू को उखाड़ दिया गया। जिस दिन प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उदघाटन कर रहे थे, उसी दिन सरकार नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचल रही थी।

स्वराज इंडिया ने कहा है कि महिलाओं को यौन उत्पीड़न के आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक महीने से लंबे विरोध के लिए बैठना पड़े यह शर्मनाक है। यह और भी शर्मनाक है कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, सरकार ने पीड़ितों को निशाना बनाने का निर्णय किया। पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर क्रूर दमन ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। इसने मोदी सरकार के “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और “नारी शक्ति” के खोखले नारे को भी उजागर कर दिया है।

स्वराज इंडिया ने पहलवानों के प्रति समर्थन और एकजुटता का इजहार करते हुए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज किये गए एफआईआर की तत्काल वापसी, और बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की है, साथ ही नागरिकों का आह्वान किया है कि पहलवानों के साथ एकजुटता में आगे आएं।

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